जल-जीवन-हरियाली: ठेकेदार पर सरकार ने कसा शिकंजा, नहीं बेच पाएंगे अभियान की मिट्टी

PATNA (MR)। बिहार में सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है जल-जीवन-हरियाली। कोरोना संकट में लाखों प्रवासी कामगारों के बिहार लौटने के बाद इस प्रोजेक्ट पर सरकार और तेजी से ध्यान देने लगी है। काम के साथ ही जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर ठेकेदारों पर भी शिकंजा कसा जाने लगा है। इसके तहत अब जल-जीवन-हरियाली अभियान के काम में निकाली गयी मिट्टी अब ठेकेदार बेच नहीं पाएंगे। इसके लिए नयी गाइडलाइन तय कर दी गयी है।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के काम में निकाली गयी मिट्टी अब ठेकेदार बेच नहीं पाएंगे।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत तालाब की खुदाई के दौरान निकाली गयी मिट्टी का उपयोग अब ठेकेदार न तो अपने लिये कर सकते हैं और न ही उसे बेचकर पैसा अपनी जेब में रख सकते हैं। नयी गाइडलाइन के अनुसार, ठेकेदार मिट्टी को यथासंभव उसी तालाब के मेढ़ पर डालना होगा। वहां मिट्टी डालने की गुंजाइश नहीं बनती हो तो उसे आस-पास की सरकारी योजनाओं या स्कूलों के परिसरों में डालना होगा।

जानकारी के अनुसार, लघु जल संसाधन विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश दिया है। दरअसल, इस अभियान के तहत हो रहे कार्यों की समीक्षा की गयी तो मिट्टी वाला प्वाइंट उजागर हुआ। समीक्षा में पता चला कि तालाबों, पोखरों एवं आहरों की उड़ाही में जो मिट्टी निकलती है, उसे ठेकेदार बेच देते हैं। तब यह निर्णय लिया गया।

समीक्षा में पता चला कि तालाबों, पोखरों एवं आहरों की उड़ाही में जो मिट्टी निकलती है, उसे ठेकेदार बेच देते हैं।

विभाग के सचिव गोपाल मीणा ने सभी डीएम को कहा है कि अभियान से निकली मिट्टी का इस्तेमाल अन्य सरकारी विभागों के आसपास के क्षेत्र में प्रगतिशील योजनाओं में करने की व्यवस्था की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ठेकेदार या इंजीनियर इसे किसी निजी व्यक्ति को बेच नहीं सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *