PATNA (MR)। कोरोना काल में हर सेक्टर परेशान है। मंदी के कारण बिजनेस ठप हो गया है। इससे किसानी भी बची हुई नहीं है। कोरोना की वजह से फसल की बुआई ठीक से नहीं हो रही है। जो लगी है, वह भी आंधी-पानी और व्रजपात की चपेट में आ गई है। लेकिन अब यहां के किसान नयी बीमारी से परेशान हो गए हैं। मकई की फसल के लिए अमेरिकन कीट कोरोना साबित हो रहा है। उस पर कोई कीटनाशक दवा भी काम नहीं कर रही है। कीट पौधे और उसमें लगे भुट्टे को बर्बाद कर दे रहा है।
अमेरिकन कीट पौधे और उसमें लगे भुट्टे को बर्बाद कर दे रहा है।
खेत में लगी मक्के फसल देखते-देखते बर्बाद हो रही है। किसान उसे बचाने के लिए चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। फसल की बर्बादी को देख वे रो रहे हैं। इस अमेरिकन कीट पर कोई भी कीटनाशक दवा का असर नहीं हो रहा है। पौधा संरक्षण विभाग ने अमेरिकन कीट को मक्के की फसल के लिए कोरोना बताया है।
दरअसल, पूर्व बिहार के भागलपुर, नवगछिया, कहलगांव आदि इलाके में हजारों हेक्टेयर में मक्के की फसल लगी हुई है। गरमा फसल भी लगी हुई है। सूत्रों की मानें तो किसानों ने लॉकडाउन पीरिएड में महंगे दामों पर बीज लेकर खेती शुरू की थी। आैने-पौने दामों में खाद लेकर खेतों में डाला था।
लेकिन इस खेती के लिए अमेरिकन कीट यानी अमेरिकन फॉल आर्मी वर्म परेशानी का सबब बन गया है। कीट मक्के की फसल को बर्बाद करने में लगा है। बताया जाता है कि यह कीट मक्के के ऊपरी हिस्से व भुट्टे को खा जाता है। इससे पौधे का विकास नहीं हो पाता है। शस्य विशेषज्ञ की मानें तो अमेरिकन कीट का लार्वा व पिल्लू काफी अटैक करने वाला होता है। यह 25 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक टेंपरेंचर पर एक्टिव हो जाता है। हालांकि कृषि वैज्ञानिक फसल के बचाव के उपाय बता रहे हैं। किसान बर्बाद हाेती फसल को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।