पटना। कोरोना के इस संकट काल में लॉकडाउन से पहले से ही बिहार में किसानों की कमर तोड़ दी है। उस पर असामयिक आंधी-पानी व ओलावृष्टि ने उसकी रही-सही दिशा भी बिगाड़ कर रख दी है। ऐसे में सरकार ने किसानों की हालत में सुधार के लिए कृषि इनपुट के तहत सब्सिडी दे रही है। इसके लिए 18 अप्रैल तक पीड़ित किसानों से आवेदन मांगे गये थे, लेकिन बहुत सारे किसान निर्धारित अवधि तक इसके लिए आवेदन नहीं दे सके थे। आवेदन देने से वंचित रह गए किसानों को कृषि इनपुट के लिए एक और मौका सरकार ने दिया है।
दरअसल, बेमौसम बारिश में बर्बाद हुई रबी फसलों के लिए इनपुट सब्सिडी का लाभ लेने का मौका दोबारा दिया गया है। निर्धारित अवधि पर आवेदन देने से वंचित रह गए किसानों के लिए नई तारीख तय की गई है। वे चार मई से 11 मई के बीच ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इसकी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि मार्च महीने में चार से छह मार्च और 13 से 15 मार्च के दौरान बेमौसम बारिश, आंधी एवं ओलावृष्टि से रबी फसल बर्बाद हो गई थी। इससे बिहार में 23 जिलों के कुल 196 प्रखंडों के किसान प्रभावित हुए थे। वंचित किसान कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो किसान पहले से आवेदन दे रखा है, उन्हें दोबारा अप्लाई करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में भी आए आंधी-पानी व ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसकी भी भरपाई की जाएगी। कृषि विभाग के स्तर से अभी सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद अप्रैल में हुए नुकसान के लिए पीड़ित किसानों से आवेदन लिये जाएंगे। खास बात कि इसमें वे ही किसान पात्र होंगे, जिन्होंने कृषि विभाग की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है।
सब्सिडी के लिए भी सरकार की ओर से पहले ही प्रावधान निर्धारित है। प्रावधान के तहत सब्सिडी में सिंचित क्षेत्र के पीड़ित किसानों को 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 27 हजार रुपये मिलेंगे। असिंचित क्षेत्र के लिए सब्सिडी 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर दी जाएगी। लेकिन किसी भी किसान को 1000 रुपये से कम भुगतान नहीं किया जायेगा।
इन जिलों के किसान ही आवेदन कर सकते हैं- गया, पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, भभुआ, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, बांका, मधेपुरा एवं किशनगंज के 196 प्रखंड।