PATNA (MR)। कोरोना संकट को लेकर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार काफी गंभीर हैं। दो माह में शायद ही कोई दिन बीता होगा, जब प्रवासियों की सुधि नहीं ली होगी। वे खुद कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों पर नजर रखे हुए हैं। क्वारंटाइन सेंटर से लेकर कोरोना अस्पताल व प्रवासियों की समस्याओं तक की रोज मॉनीटरिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार में तमाम जनप्रतिनिधियों से बात की। उन्होंने वृहत जागरूकता अभियान शुरू किया। इसके तहत उन्होंने सभी पंचायतों के मुखिया, पंच, सरपंच, जिला परिषद के अध्यक्ष व सदस्य तथा नगर निकाय के प्रतिनिधियों को इस अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि प्रेरक के रूप में लोगों के बीच काम करें। लोगों को जगाएं। कोरोना से बचने के लिए हर हाल में मास्क लगवाएं।
जागरूकता अभियान के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोग अलर्ट रहेंगे, जागरूक रहेंगे तो अकारण किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। हर संकट से बच जाएंगे। लोगों को जगाने में पंचायत व नगर निकाय के प्रतिनिधि प्रेरक के रूप में काम करें। इसकी पहली कड़ी में राज्य के लोगों को बताएं कि कोरोना से डरें नहीं, बल्कि सचेत रहें। घर से बाहर निकलें तो अनिवार्य रूप से मास्क पहन कर ही निकलें।
नीतीश ने इसमें ग्रामीण डॉक्टरों (क्वैक) का भी सहयोग लेने को कहा। उन्होंने कहा कि गांव में काम कर रहे चिकित्सकों की भी इसमें बड़ी भूमिका है। लोग उनके पास पहुंचते हैैं। किसी में थोड़ा भी लक्षण दिखे तो जांच के लिए भेजें। उन्होंने कहा कि अगर किसी में जैसे ही कोई लक्षण दिखे, वे जांच करा लें। खासकर 65 साल से अधिक उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं व बच्चों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे गांव वालों को यह जरूर बताएं कि हर हाल में मास्क लगाएं। कई देशों में मास्क की वजह से कोरोना संक्रमण का असर कम हुआ। यह चिंता का विषय है कि अनलॉक होने के बाद बिहार में घरों से बाहर निकलने वालों में से 50 से 60 परसेंट लोग ही मास्क लगा रहे हैं। सबों को मास्क लगाना है, इसमें कोताही नहीं करें। हालांकि बिहार की स्थिति कोरोना संक्रमण के मामले में दूसरे राज्यों से बेहतर है। इसे और बेहतर बनाना है तो लोगों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा।
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