PATNA (MR)। बिहार में जीविका दीदियों से सीखें कैसे लोग स्वरोजगार होते हैं और संक्रमण काल में भी कमाई कर दूसरों की मदद कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। अभी लॉकडाउन 4 चल रहा है, जो 31 मई तक रहेगा। इस लॉकडाउन में बिहार की जीविका दीदियों ने दो माह में लगभग 30 लाख मास्क बनाकर संस्था के लिए लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये कमाए। अब इस मास्क को पंचायतों में मुखिया व वार्ड मेंबर लोगों को बांटेंगे। बता दें कि बिहार में 23 तो पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है।
ग्रामीण विकास विभाग ने जीविका समूहों को मास्क बनाने का काम सौंपा। इसका सार्थक परिणाम सामने आया।
दरअसल, कोरोना संकट में अधिसंख्य बिजनेस बंद है। जरूरी के साधन वाले रोजगार धंधे चल रहे थे। हालांकि, लॉकडाउन 3 के बाद ढेर सारी राहत दे दी गई है। यहां तक कि अब शर्त के साथ टेंपो व ई रिक्शा भी चालू हो गए। इसी संकट की चपेट में जीविका समूह भी आ गया था। पहले से ठप कमाई तो और भी बुरा असर पड़ा। तब ग्रामीण विकास विभाग ने नयी राह दिखायी।
जीविका समूह की दीदियों ने लगभग दो माह में 30 लाख मास्क तैयार कर दिया। इससे जीविका को साढ़े चार करोड़ रुपये की अर्निंग हुई।
ग्रामीण विकास विभाग ने जीविका समूहों को मास्क बनाने का काम सौंपा। इसका सार्थक परिणाम सामने आया। जीविका समूह की दीदियों ने लगभग दो माह में 30 लाख मास्क तैयार कर दिया। इससे जीविका को साढ़े चार करोड़ रुपये की अर्निंग हुई। इस मास्क को मुखिया और वार्ड मेंबर गांवों व पंचायतों में फ्री में बांटेंगे। मालूम हो सीएम नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि पंचायतों में हर परिवार को चार मास्क व एक साबुन दिये जाएंगे।