पति को दो पत्नियों ने 3-3 दिनों के लिए कुछ इस तरह बांटा, और एक दिन का क्या ?

PATNA (VIRAL NEWS) : यह बिहार है। यहां कुछ भी हो सकता है। इस राज्य में अब तक जमीन-जायदाद बंटने की बात होती थी। भाई-बहन, भाई-भाई के बीच घरों का बंटवारा होता था। भूमि बांटी जाती थी, लेकिन बंटवारा का अनोखा मामला पूर्णिया से आया है। यहां दो पत्नियों ने अपने पति को ही बांट लिया। इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर समझौता हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्णिया जिले के रुपौली निवासी एक व्यक्ति को अपनी दो पत्नियों के बीच समय बांटकर रहना होगा। इस समझौते में परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, बबीता चौधरी, प्रमोद जायसवाल, रविंद्र शाह आदि ने अहम रोल निभाया। एक दिन रहेगा साप्ताहिक अवकाश। उस दिन पति की मर्जी होगी कि वे किस पत्नी के साथ रहे। बिहार का यह अनोखा मामला सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल, रुपौली थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने 7 साल पहले दूसरी शादी कर ली थी, लेकिन इस बारे में उसने अपनी पहली पत्नी को नहीं बताया था। पहली पत्नी से उसके दो बच्चे भी हैं। जब उसे पति की दूसरी शादी के बारे में पता चला, तो उसने कड़ा विरोध किया। इससे पारिवारिक कलह बढ़ गया। स्थिति ऐसी हो गयी कि वह पहली पत्नी और बच्चों को छोड़कर दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा। तब पहली पत्नी ने आरोप लगाया कि पति ने न केवल उन्हें छोड़ दिया, बल्कि बच्चों की शिक्षा और खर्च उठाना भी बंद कर दिया। पहली पत्नी ने पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा से इसकी शिकायत की।

एसपी ने मामले को पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के पास भेज दिया। पुलिस परिवार परामर्श केंद्र ने 14 फरवरी को पति और उसकी दोनों पत्नियों को पेश होने का नोटिस भेजा। सुनवाई के दौरान पहली पत्नी ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी। इसके बाद केंद्र के सदस्यों ने पति को बिना तलाक दूसरी शादी करने के लिए फटकार लगायी। दूसरी पत्नी को भी इस मामले में गलत ठहराया गया। पति ने भी अपनी गलती स्वीकार क। कहा कि वह दोनों पत्नियों और उनके बच्चों की जिम्मेदारी निभाना चाहता है, लेकिन पहली पत्नी उसे दूसरी पत्नी के पास जाने से रोकती है, जिससे घर में लगातार झगड़े होते रहते हैं।

मामले को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्र ने फैसला सुनाया कि पति सप्ताह में चार दिन पहली पत्नी और तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा, लेकिन दूसरी पत्नी ने इस फैसले पर आपत्ति जतायी, जिससे विवाद बढ़ गया। आखिरकार, केंद्र ने सप्ताह के सात दिन को बराबर बांटते हुए पति को तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों के साथ रहने का आदेश दिया। इसके अलावा, सप्ताह का एक दिन पति को अपनी मर्जी से बिताने की छूट दी गयी। साथ ही, उसे अपनी पहली पत्नी को हर महीने 4,000 रुपये बच्चों की पढ़ाई और पालन-पोषण के लिए देने का निर्देश दिया गया। तब जाकर मामला सुलझा।