PATNA (SMR) : कहानी की अपनी एक अलग दुनिया होती है। कोई कहानी शिक्षाप्रद होती है तो कोई प्रेरक। इसी तरह, ज्ञानवर्धक से लेकर मनोरंजक तक कहानियां होती हैं। बकवास कहानियों से भी पाठकों का पाला पड़ता है तो कुछ कहानियां सिरदर्द से कम नहीं होती है। हंसी की फुहार छोड़ने वाली कहानियां भी होती हैं। लेकिन सबसे अच्छी कहानी वही होती है, जो रोचक के साथ ही पाठकों के लिए प्रेरक भी हो, लोगों को मोटिवेट भी करे। ऐसी ही एक कहानी यहां सोशल मीडिया से साभार ली गयी है। फेसबुक पर चल रही इस कहानी में किसी लेखक का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन पाठकों को यह काफी मोटिवेट करती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ली गयी इस कहानी को थोड़ा एडिट कर यहां व्यूअर्स के लिए परोस रहे हैं। पढ़िए और आनंद लीजिये…
एक दिन एक कुत्ता जंगल में रास्ता खो गया। तभी उसने देखा कि एक शेर बहुत तेजी से उसकी तरफ आ रहा है। कुत्ते की सांस रूक गयी और उसने मन ही मन सोचा, ‘आज तो काम तमाम मेरा..!’ तभी फिर अचानक उसने अपने सामने कुछ सूखी हड्डियां पड़ी देखी। दिमाग कौंधा। कुत्ता हिम्मत कर आते हुए शेर की तरफ पीठ करके बैठ गया और एक सूखी हड्डी को चूसने लगा और जोर-जोर से बोलने लगा- वाह ! शेर को खाने का मजा ही कुछ और है। एक और मिल जाए तो पूरी दावत हो जायेगी।’ इसके बाद उसने जोर से डकार मारी।
कुत्ते की बात सुनकर शेर सोच में पड़ गया। उसने सोचा, यह कुत्ता तो शेर का भी शिकार कर सकता है ! ऐसे में वह अपनी जान बचाकर भागने में ही भलाई समझा। फिर शेर वहां से जान बचा कर भाग गया। पेड़ पर बैठा एक बंदर यह सब तमाशा बड़ी देर से और काफी गौर से देख रहा था। उसने सोचा यह अच्छा मौका है। मैं शेर को सारी कहानी बता देता हूं। इसके एवज में शेर से दोस्ती भी हो जायेगी और उससे जिंदगी भर के लिए जान का खतरा भी दूर हो जाएगा।

कुत्ता फटाफट शेर के पीछे भागा। कुत्ते ने बंदर को जाते हुए देख लिया और समझ गया कि कुत्ता कोई बड़ी साजिश करने वाला है। उधर, बंदर ने शेर को सारी कहानी बता दी कि कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ बनाया है। शेर जोर से दहाड़ा। कहा- ‘चल मेरे साथ, अभी उसकी जीवन लीला समाप्त करता हूं। इसके बाद शेर बंदर को अपनी पीठ पर बैठा कर कुत्ते की तरफ चल दिया। सैंया भये कोतवाल, अब डर काहे का।

दूसरी ओर कुत्ते ने शेर को अपनी तरफ फिर से आते देखा तो उसे महसूस हुआ कि एक बार फिर उसकी जान को खतरा है।मगर फिर भी वह हिम्मत नहीं हारा। फिर से कुत्ता उन दोनों की तरफ अपनी पीठ करके बैठ गया। साथ ही जोर-जोर से चिल्लाकर बोलने लगा- ‘साला इस बंदर को भेजे दो घंटे से अधिक हो गए। कमीना अब तक उसने एक शेर तक को फंसा कर नहीं ला सका, बहुत जोर की भूख भी लगी है, क्या करूं… !’ यह सुनते ही शेर ने बंदर को वहीं पटका और वापस पीछे खूब तेजी से भाग गया…

इसलिए कहा गया है कि मुश्किल समय में अपना आत्मविश्वास कभी नहीं खोएं। आपकी ऊर्जा, समय और ध्यान भटकाने वाले कई बंदर आपके आस-पास हैं, उन्हें पहचानिए और उनसे सावधान रहिए। और हां, याद रखिए, डर के आगे जीत है….!!