PATNA (MR) : बिहार में 40.88 लाख हेक्टेयर में होगी रबी की खेती। इसे लेकर स्ट्रेटजी बनायी गयी है और इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि मंत्री सर्वजीत ने इसे लेकर अधिकारियों को कई निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी टीम एग्रीकल्चर की भावना से कार्य करें, तभी रबी की खेती का लक्ष्य पूरा होगा। इसमें गेहूं की खेती 25.06 लाख हेक्टेयर में, मक्का 6.76 लाख हेक्टेयर में, मसूर 2.36 लाख हेक्टेयर में तथा इसी तरह अन्य फसलों का भी लक्ष्य आपने स्वयं निर्धारित किया है।
दरअसल, पटना के बापू सभागार में आज गुरुवार 20 अक्टूबर को रबी महाभियान-2022 कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें पंचायत से लेकर हेड क्वार्टर तक के सभी कृषि अधिकारी शमिल हुए। अभियान की सफलता के लिए वे जुटे थे। इसके पहले रबी महाभियान-2022 के तहत राज्यस्तरीय रबी कर्मशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाएं और उन्हें भरोसा दें, उनका भरोसा बढ़ाएं। इतना ही अधिकारी किसानों के साथ हमेशा खड़ा दिखें, उनकी प्रॉब्लम को दूर करें। छोटे तथा सीमांत किसानों के घर तक जाकर उनकी समस्याओं का निदान करें। किसानों को प्रेरित कर फसल अवशेष जलाने की घटना शून्य कराने का संकल्प ले
राज्य के कुछ जिलों में धान की कटनी के समय एक विकट समस्या विकराल रूप ले रहा है। पुआल के जलाने से एक तरफ वातावरण प्रदूषित हो रहा है, तो दूसरी तरफ मिट्टी की उर्वरा-शक्ति खत्म हो रही है। यह चिंता की बात है। कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार यह सुनिश्चित करें कि उनकी पंचायत में फसल अवशेष नहीं जलाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए बनाए गए विशेष कस्टम हायरिंग सेंटर्स को हर हाल में चालू कराया जाए। फसल अवशेष के वैकल्पिक उपयोग मसलन पशुचारा, मशरूम उत्पादन आदि की जानकारी किसानों को दें। जहां भी कम्बाईन हार्वेस्टर चल रहा है, वहां पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) को अनिवार्य रूप से कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ लगाया जाए।
रबी मौसम में गेहूं, चना, मसूर, मटर, राई सरसों, तीसी, जौ तथा संकर मक्का का कुल 03 लाख 07 हजार क्विंटल बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए विभाग ने योजना स्वीकृत की जा चुकी है। किसानों से आनलाइन आवेदन लेना तथा आवेदन को स्वीकृत करना एवं किसानों के घर तक बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना प्रत्येक कृषि पदाधिकारी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि खाद सही समय पर मिले तथा सही दाम पर मिले यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित हो।