PATNA (APP) : बिहार एक बार फिर अपने इतिहास को दुहरा रहा है। पुनरावृति कर रहा है। दरअसल, सियासत में एक कहावत है- ‘अग्रे नेयति इति नेता’ अर्थात नेता वही है जिसमें लोगों को आगे ले जाने की क्षमता हो। यह गुण बिहार के कर्पूरी ठाकुर में कूट-कूट कर भरा हुआ था। वे सबको आगे बढ़ाते रहे थे और कहा जाता है कि उन्हीं के मुख्यमंत्रित्व काल में पटना में बड़ा कार्यक्रम का आयोजन कर युवाओं के बीच काफी संख्या में नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। लेकिन, अब जमाना सीएम नीतीश कुमार का है। उनके साथ डिप्टी सीएम की कुर्सी पर सबसे युवा चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव काबिज हैं। और नीतीश कुमार भी युवाओं को, लड़कियों को, महिलाओं को लगातार आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। 

पटना के गांधी मैदान में कार्यक्रम का उदघाटन करते CM नीतीश कुमार, साथ में तेजस्वी यादव, बिजेंद्र यादव व विजय चौधरी।

नीतीश कुमार जब भी मीडिया के सामने मुखातिब होते हैं तो कहते भी हैं कि हमें युवाओं को आगे बढ़ाना है। आजकल तो वे तेजस्वी यादव की ओर भी इशारा करके कहते हैं कि इन्हीं लोगों को तो अब आगे बढ़ाना है। जहां, नौकरी बांटने की बात है तो कर्पूरी ठाकुर के बाद अब नीतीश कुमार ने इतिहास को दोहराया है। एक बार फिर बिहार में इतिहास की पुनरावृति हुई है। पटना के गांधी मैदान में बड़ा आयोजन कर आज 10 हजार से अधिक लोगों के बीच नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। शायद नीतीश कुमार के शासन में पहली बार एक साथ 10 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं।  

नियुक्ति पत्र देते सीएम नीतीश कुमार।

देखा जाए तो बिहार का आज यह मेगा शो कई मायने में रिकॉर्ड साबित होगा। इतना ही नहीं, यह मेगा शो आने वाले दिनों में दूरगामी परिणाम भी देगा। आगे की सरकार के लिए भी यह प्रेरक बनेगा। केंद्र सरकार के लिए भी यह पॉजिटिव एप्रोच होगा, जहां बेरोजगारी इन दिनों चरम पर है तथा कोरोना काल के बाद कई सेक्टरों में नौकरियां छीनी जा रही हैं। तीसरा, इस मेगा शो के जरिए अन्य राज्यों को भी बिहार सफलता की राह दिखाएगा। लेकिन, इतना तो हो ही गया है कि 2020 के चुनाव के पहले तेजस्वी यादव जिस नौकरी देने की बात कर रहे थे, उस राह पर वे चल भी पड़े हैं और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुलकर सपोर्ट कर रहे हैं। यूं कहिए कि आज के मेगा इवेंट के बाद बिहार की सियासत में चाचा-भतीजे की यह जोड़ी और भी ​हिट करेगी।  

परेड की सलामी लेते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, साथ में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।

दरअसल, पहले आज की बात करते हैं कि आज पटना के गांधी मैदान में आयोजित मेगा इवेंट में क्या-कुछ हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में आज 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया। इनमें 8246 सिपाही और 2213 अवर निरीक्षक शामिल हैं। इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। नीतीश कुमार ने कहा, ‘बिहार में कानून का राज बनाये रखना सरकार की प्राथमिकता है और आपका दायित्व है। हमने पहले से पुलिस बल की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है। आर्मी से रिटायर्ड लोगों को सबसे पहले सैप के तौर पर बहाल किया। आज के डेट में बिहार में लगभग 1 लाख 8 हजार के पास पुलिसकर्मी हैं। लेकिन इसकी संख्या डेढ़ लाख से अधिक करना है। हमने पुलिस में 33 परसेंट महिलाओं की सीटें रिजर्व की। यह काम 2.13 से ही शुरू कर दिया था। तब हमने पुरुषों से कहा था कि जलिए नहीं, मां ने हमें जन्म दिया है, इसलिए महिलाओं की आबादी बढ़नी चाहिए।  

गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र देते उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।

इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि राजगीर पुलिस एकेडमी को और बढ़ाना है। उन्होंने सीनियर अधिकारियों को जोर देकर कहा कि इनलोगों की प्रॉपर ट्रेनिंग कराइये, तब पुलिस बल को फिल्ड में भेजिए। हर तरह के काम में इन्हें सही से लगाइए। सबको पेट्रोलिंग पर ध्यान देना होगा। समाज के हर तबके के उत्थान के लिए हम काम कर रहे हैं। उन्होंने शराबबंदी पर भी कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि न कोई पुलिसकर्मी शराब पीजिए और न ही किसी को पीने दीजिए। वहीं तेजस्वी यादव ने विरोधियों पर कमेंट करते हुए कहा- ‘क्रिमिनल माइंड सेट के लोगों को यह पच नहीं रहा है।’ 33 परसेंट महिलाओं के आरक्षण देने के फैसले की सराहना करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सबलोग मिलकर काम करेंगे। धर्म-जाति से बड़ा देश और राज्य है। यहां भाईचारा और शांति है। इसे बनाये रखने की जिम्मेदारी आपलोगों पर है। इसे आपलोग बनाए भी रखें और इसे बनाए रखने में मदद भी करें। बिहार में हमारी सरकार कमिटमेंट को पूरा करने में लगे हैं। इसे इंप्लीमेंट करते हुए हमारी सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी दे रही है।  

गांधी मैदान में ही कभी तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने भी बांटे थे 10 हजार नियुक्ति पत्र।

अब बात करते हैं कर्पूरी ठाकुर के समय की। करीब 45 वर्ष पहले तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने पटना के गांधी मैदान में ही 10 हजार डाक्‍टरोंं-इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र दिए थे। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर को दो बार बिहार का मुख्‍यमंत्री होने का गौरव प्राप्‍त हुआ था। पहली बार वे 1970-71 में मुख्यमंत्री बने थे और दूसरी बार वे 1977-79 में इस कुर्सी पर काबिज हुए थे। तब उन्‍होंने गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया था और उस कार्यक्रम में करीब 10 हजार इंजीनियरों और डॉक्‍टरों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में जो अपनी अमिट छाप छोड़ी, वह आज भी उन्‍हें टॉप लाइन पर खड़ा करता है। कर्पूरी ठाकुर दो बार मुख्यमंत्री के अलावा एक बार उपमुख्‍यमंत्री भी बने थे। साथ ही वर्षों तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे थे। वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्‍यमंत्री हुए थे। 1967 में जब वे उपमुख्‍यमंत्री थे, तब उन्‍होंने अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता समाप्‍त कर दी थी। वे देश के पहले मुख्‍यमंत्री थे, जिन्‍होंने बिहार में मैट्रिक तक की पढ़ाई मुफ्त में कराने का ऐलान किया था। उन्‍होंने राज्‍य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य कर दिया था। रोजगार के प्रति प्रतिबद्धता ऐसी कि कैंप आयोजित कर डॉक्‍टरों और इंजीनियरों को नौकरी दी थी। इतने बड़े पैमाने पर राज्‍य में कभी इनकी बहाली नहीं की गई थी। 

नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शपथ लेते नवनियुक्त पुलिसकर्मी।
नियुक्ति पत्र पाकर काफी खुश हैं पुलिसकर्मी।

बहरहाल, जननायक के रूप में फेमस कर्पूरी ठाकुर के इतिहास को अब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दोहराया है। नौकरी इस सरकार के एजेंडे में शामिल है। यही वजह है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार आते ही तेजस्वी यादव ने मीडिया से खुलकर कहा कि हम अपने एजेंडे पर कायम हैं। धमाका तब हुआ, जब नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने क्रम में कहा कि हमारी सरकार राज्य में न केवल 10 लाख बल्कि 20 लाख नौकरी और रोजगार देगी… यानी 10 लाख नौकरियों के बाद 10 लाख रोजगार भी देगी। इस घोषणा के अभी तीन माह हुए ही हैं इसका असर पटल पर दिखने लगा है। अब तक लगभग एक लाख युवाओं के बीच नियुक्ति पत्र बांट दिए गए हैं। इसी कड़ी में आज का यह मेगा शो भी है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने अपने ही पिछले सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए एक साथ 10459 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए।

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