स्टार्टअप को पोडियम फिनिश तक ले चलें, लीक से हटकर चलें और नई राह बनाएं

PATNA (MR) : बिहार स्टार्टअप नीति के तहत नवचयनित  लाभुकों के लिए सीडफंड और प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन 15 नवंबर को पटना के अधिवेशन भवन में किया गया। इसमें 31 लाभुकों को लगभग 1.86 करोड़ रुपए की राशि सीड फंड के रूप में उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम में बिहार के विकास आयुक्त और बिहार स्टार्टअप फंड के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने सभी लाभुकों को प्रमाण पत्र प्रदान किया, जबकि लाभ की राशि सीधे लाभुकों के खाते में हस्तांतरित की गई। 

उपस्थित नवचयनित स्टार्टअप इकाइयों के प्रबंधकों को संबोधित करते हुए विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में हम स्टार्टअप के लिए विशेष सुविधा युक्त इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कंपनियों की हैंडहोल्डिंग लगातार की जाएगी और उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी मार्केटिंग टैक्स एवं कंपनी मामलों में आवश्यकतानुसार सहायता एवं मार्गदर्शन दिया जाएगा। 

स्टार्टअप उद्यमियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि तीन चरणों की प्रक्रिया से गुजरने के बाद आप सब का चयन हुआ है, जो यह साबित करता है कि आप बेस्ट हैं। आप में और अधिक बढ़िया करने की संभावना है। आप सब में उड़ान भरने की क्षमता है। सरकार आप लोगों को फैसिलिटी दे रही है। उड़ने के लिए ईंधन प्रदान कर रही है, लेकिन उड़ान आपको स्वयं भरना है। आलोचनाओं की परवाह नहीं करनी है। कमेंटेटर बनना आसान है, लेकिन बेहतर ढंग से कार्य निष्पादित करना चुनौतीपूर्ण होता है। 

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों को लीक से हटकर चलना है अपने लिए नई राह बनानी है। नए आइडिया पर काम करते हुए लगातार इंप्रूव करते जाना है। जिन इकाइयों को आज सहायता दी गई है उन्होंने प्रथम चरण की बढ़त बना ली है, लेकिन आगे मार्केट में काफी कंपटीशन होने वाला है। उद्योग विभाग और स्टार्टअप मिलकर काम करें और बिहार का नाम रोशन करें। सभी नए उद्यमी अच्छी शुरुआत कर चुके हैं, लेकिन लक्ष्य रखें कि पोडियम फिनिश तक जाना है। जीतने के लिए जूझना है, जीतने के लिए लगातार प्रयास करना है। बाकियों से हमेशा दो कदम आगे रहना है। 

कार्यक्रम में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने जानकारी दी कि पटना में मौर्य कंपलेक्स तथा फ्रेजर रोड में स्टार्टअप के लिए को वर्किंग स्पेस विकसित किया जा रहा है। यह दिसम्बर तक बनकर तैयार हो जाएगा और जनवरी माह से उसका आवंटन प्रारंभ कर दिया जाएगा। इससे नए स्टार्टअप की हैंडहोल्डिंग सरलता से हो जाएगी। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रेरित करने हेतु राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे और सभी को स्टार्टअप की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। स्टार्टअप और पारंपरिक व्यवसाय में फर्क होता है। स्टार्टअप में इनोवेशन और रिस्क का फैक्टर होता है। स्टार्टअप नई लीक पर चलने का नाम है। 

उन्होंने कहा कि जिन स्टार्टअप को सी फंड और प्रमाण पत्र मिल रहा है, उनके लिए यह पहला कदम है। उन्हें अपनी संस्था को यूनिकॉर्न बनाना है। संदीप पौण्डरीक ने कहा कि जिंदगी में आसानी से कुछ नहीं मिलता है, लेकिन जो लोग धैर्य रखते हुए कड़ी मेहनत करते हैं, सफलता उनसे दूर भी नहीं रह पाती। उन्होंने कहा कि बिहार में उबेर और जोमैटो जैसी स्टार्टअप कंपनी बननी चाहिए। कार्यक्रम में उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित, विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ राणा सिंह सहित अनेक स्टार्टअप कंपनियों ने भाग लिया। धजक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड की रश्मि, मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मोनालिसा, एग्रिक्स एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के डॉ नीलय पांडे ने अपने स्टार्टअप अनुभवों को साझा किया। तकनीकी सत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट हर्ष भगत ने किसी भी नई कंपनी को प्रारंभ करने से संबंधित विधि और वित्तीय मामलों की जानकारी दी।

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