बांस-बेंत उद्योग में है सुंदर भविष्य, पर्यावरण हितैषी होते हैं फर्नीचर

PATNA (MR) : बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से पूर्णिया जिला मुख्यालय स्थित रंगभूमि मैदान में खादी मेला का आयोजन किया गया। इसमें युवा उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए आयोजित सेमिनार में बांस-बेंत उद्योग पर चर्चा हुई। बिहार में बांस बेंत उद्योग के विकास की संभावना पर भी मंथन हुआ। 

सेमिनार में प्रशिक्षक विपुल कुमार सिंह ने बताया कि बांस दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला घास है। इसका  स्वभाव लचीला किंतु मजबूत होता है। बांस के फर्नीचर आदि काल से बनाए जाते रहे हैं। सही से देखभाल की जाए तो बांस के फर्नीचर की लाइफ 25 से 50 साल तक होती है। 

उन्होंने यह भी कहा कि इतना ही नहीं, बांस के फर्नीचर  पर्यावरण हितैषी भी होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्योग के विकास की भरपूर संभावनाएं हैं। बांसों का प्रयोग करते हुए फर्नीचर के अलावा आधुनिक ट्रेडिंग सेंटर मॉल, आउटलेट, फैंसी हट, फैंसी सिटिंग एरिया आदि बनाए जा सकते हैं। 

बांसों के प्रयोग से कलात्मकता में वृद्धि होती है। समाज रचना पूर्वी चंपारण के सौजन्य से आयोजित इस सेमिनार में जिला खादी ग्राम उद्योग पदाधिकारी बैजनाथ प्रसाद समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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