सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे के बाद भाजपा और मोदी सरकार का पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर : मंजीत साहू

PATNA (MR) : बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत आनंद साहू ने बिहार भाजपा पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां बिहार भाजपा राज्य में हो रही जाति जनगणना पर समर्थन देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा-मोदी सरकार अधिकार का हवाला देकर इस पर रोक लगाने का शर्मनाक प्रयास कर रही है।

मंजीत साहू ने कहा कि केंद्र सरकार अगर सुप्रीम कोर्ट में यह कहती है कि जाति जनगणना केंद्र सरकार का अधिकार है, किसी और का नहीं तो इस अधिकार का इस्तेमाल कर देश भर के पिछड़े-अतिपिछड़े वर्ग के हितों से संबंधित जाति जनगणना कराने का ऐलान क्यों नहीं करती ? उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि केंद्र की आरएसएस नीति भाजपा-मोदी सरकार आरक्षण विरोधी है। वह पिछड़ा-अतिपिछड़ा, वंचित समाज को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो आर्थिक आधार पर प्रदत 10 प्रतिशत ईडब्लूएस आरक्षण के बाद समाप्त हो चुके 50 फीसदी की आरक्षण सीमा के साथ ही मंडल आयोग की सिफारिश 52 फीसदी आरक्षण को लागू करने का प्रावधन कर चुकी होती। ऐसा नहीं करना, यह साबित करता है कि भाजपा पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी है।

उन्होंने सवाल किया कि सुशील मोदी, सम्राट चौधरी बताएं कि 52 फीसदी ओबीसी का मंडल आरक्षण लागू होना चाहिए अथवा नहीं ? देश जान चुका है कि निजीकरण के जरिए भाजपा दलित पिछड़े, अतिपिछड़े के आरक्षण को समाप्त करने में लगी है। सरकारी क्षेत्र में आज नौकरियों का सफाया होता जा रहा है। ऐसे में दलित, पिछड़ों-अतिपिछड़ों के साथ सामान्य वर्ग का आरक्षण खत्म हो रहा है।

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