PATNA (MR)। बिहार में मेधावी लोगों की कमी नहीं है और यह भी सच है प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। बस मौका मिलने की देर है। फिर तो सफलता उनके कदम चूमने लगती है। कुछ ऐसा ही हुआ बिहार के पटना सिटी की गलियों में पलने-बढ़ने वाले कृष्णा मुखर्जी के साथ। साधारण बंगाली परिवार से आने वाले कृष्णा ने लॉकडाउन में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के बीच अपने ज्ञान का खजाना बांट रहे हैं। उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर भी लाया है, जहां आइएएस की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स उससे लाभ उठा सकते हैं।
दरअसल, पटना सिटी के गायघाट के रहने वाले हैं कृष्णा मुखर्जी। इनके माता-पिता अभी भी गाय घाट में ही रहते हैं। इसी साल होली के पहले कृष्णा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली गए थे। वे मुखर्जी नगर में लॉज में रहकर आइएएस की तैयारी कर रहे थे। उनके मन में सपना बड़ा है। कुछ बड़ा करने को लेकर रात-दिन पढ़ाई कर रहे थे। इसी बीच कोरोना संकट को लेकर लॉकडाउन लग गया।
कृष्णा मुखर्जी ने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने दोस्तों व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए ज्ञान बांटने का निर्णय लिया। यूट्यूब चैनल का नाम #Auxilium_IAS रखा।
लॉकडाउन में तमाम कोचिंग संस्थान बंद हो गए। लड़के घर में रहकर बोर होने लगे। तब कृष्णा मुखर्जी ने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने दोस्तों व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए ज्ञान बांटने का निर्णय लिया। यूट्यूब चैनल का नाम #Auxilium_IAS रखा। इसकी भनक मीडिया वालों को लगी। देश के प्रसिद्ध पत्रकार शम्स ताहिर खान ने इस बिहारी प्रतिभा की कहानी को अपने आजतक चैनल पर शेयर किया। अब तो कृष्णा बिहार ब्रांड बन गया।
पटना सिटी के आशीष भट्टाचार्य ने कृष्णा मुखर्जी की कहानी को अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है- ‘प्रतिभा (टैलेंट) किसी भी परिस्थिति, परिवेश और समय का मोहताज नहीं होता। #पटनासिटी के #गायघाट का रहने वाला एक अत्यंत साधारण बंगाली परिवार का लड़का #KrishnaMukherjee दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर कुछ दिनों से #UPSC की तैयारी करता है। इसी बीच लोक डाउन हो जाता है। घर नहीं आ पाता। अपने खाली समय में, अपने साथियों और आर्थिक रूप से अशक्त बच्चों के लिए #Auxilium_IAS नाम से #यूट्यूब चैनल बना डालता है। इस मिशन और उद्देश्य से कि कुछ बच्चे मुफ्त में UPSC एग्जाम की तैयारी कर सकें। इस युवा प्रतिभा को बिहार का नाम बढ़ाने के लिए हम-आप बधाई दे सकते हैं।’