गली के सितारे 20 : भगवान विष्णु के 10 अवतारों को बुलबुल ने उतारा कैनवास पर, मोकामा को दे रही एक नयी पहचान

PATNA (RAJESH THAKUR) : रंगों की अपनी दुनिया होती है। सात रंगों का अपना संसार होता है। इन रंगों को करीने से यदि कैनवास पर उतारा जाए तो वह भी बोलने लगता है। कुछ ऐसे ही रंगों की दुनिया को अपने कैनवास पर उतारा है बुलबुल ने। वह इन्हीं रंगों से बिहार के मोकामा को एक नयी पहचान दे रही है। उन्होंने अपनी कूची से कैनवास पर भगवान विष्णु के 10 अवतारों को उकेरा है। यह न केवल उनके लिए गौरव है, बल्कि यह मोकामा के लिए भी गर्व की बात है।

दरअसल, पटना के ललित कला अकादमी में पेंटिंग्स एग्जीबिशन लगी हुई है। 11 फरवरी से शुरू हुई इस चित्र प्रदर्शनी में लगभग दर्जन भर कलाकारों के द्वारा बनाए गये चित्रों को शामिल किया गया है। इनमें एक से बढ़कर एक दिग्गज कलाकारों की पेंटिंग्स वहां के हॉल की दीवारों पर लगी हैं। इन्हीं में हॉल के एक कोने में युवा चित्रकार बुलबुल कुमारी की भी बनायी हुई दो पेंटिंस लगायी गयी हैं। ये पेंटिंग्स अपने रंगों की भाषा में भगवान विष्णु के अवतारों की चलचित्र की भांति यात्रा तो करा ही रही है, साथ ही वह जिस बैकग्राउंड से आती है, उसकी भी जितनी प्रशंसा की जाए, कम नहीं है।

बिहार की राजधानी पटना की परिधि में अवस्थित मोकामा शहर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। एक समय था, जब यहां बाहरी लोगों को जाने में डर लगता था। यह शहर आज भी अपने अतीत को याद कर सिहर जाता है। कब गोली-बंदूक चल जाए, नहीं कहा जा सकता था। वर्तमान में भी इक्के-दुक्के घटनाएं हो जाती हैं। गाहे-बगाहे बंदूकें गरज जाती हैं। लेकिन अब पहले वाली बात नहीं रही। अब नयी पीढ़ी अपने युवा कौशल की वजह से नौकरी से लेकर रोजगार की दुनिया में जा रही है। यहां के युवा चित्रकार-पत्रकार भी बनने लगे हैं। इन्हीं युवाओं में बुलबुल कुमारी भी हैं।

बुलबुल उसी मोकामा को एक नयी ऊंचाई पर ले जाना चाहती है। वह एक किसान परिवार से आती हैं। उस घर में चित्र बनाने का कोई माहौल नहीं था और न ही उनकी पिछली पीढ़ी में कोई चित्रकार था। लेकिन बुलबुल अपनी मेहनत से आज पटना पहुंच गयी। उनके बनाए चित्रों को लोग सराह रहे हैं। उन्होंने मुखियाजी डॉट कॉम को बताया कि उन्हें बचपन से चित्र बनाने का शौक था। इसमें उन्हें किसान पिता और गृहणी माँ को फुल सपोर्ट मिला। वे उन विषयों पर ज्यादा चित्र बनाती हैं, जो समाज को पॉजिटिव मैसेज दे। लोगों के बीच एक संदेश जाए।

ललित कला अकादमी में उनके बनाए चित्र विष्णु अवतार पर आधारित है। हालांकि, पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के 9 अवतार प्रचलित है। उनका सबसे अंतिम अवतार के रूप में गौतम बुद्ध को माना जाता है। उनका पहला मत्स्य अवतार है। इसके बाद कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण और बुद्ध हुए। अब ऐसा माना जा रहा है कि उनका कलियुग में कल्कि अवतार भी है। इसलिए इन्हें दशावतार भी कहा जाता है। बुलबुल बताती हैं कि उन्होंने अपने चित्र में भगवान विष्णु के इन्हीं दस रूपों को उतारा है। हर अवतार समाज को सही राह पर चलने का मैसेज देता है। बहरहाल, पेंटिंग्स एग्जीबिशन में सभी चित्रकारों की पेंटिंग्स सराहनीय है। प्रशंसनीय है। लेकिन उससे भी बड़ी प्रशंसा की बात यह है कि नयी पीढ़ी अब अपने हुनर और कौशल से मोकामा की छवि बदल रही है और अतीत के काले साये से बाहर निकाल रही है।