CENTRAL DESK : आज 22 दिसंबर है। आज नेशनल मैथेमैटिक्स डे (National Mathematics Day) है। इसे भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की याद में मनाया जाता है। 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महान गणितज्ञ रामानुजन के सम्मान में उनके जन्मदिन 22 दिसंबर को नेशनल मैथमेटिक्स डे के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। 

देश की ख्यातिलब्ध गणितज्ञ नीना गुप्ता कहती हैं- ‘यहां सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक में गणित का जादू है। रोज सुबह से लेकर रात तक हर चीज में गणित है। यह जिंदगी का अहम हिस्सा है। इससे डरें नहीं। इसे गेम के रूप में लें। यदि इससे प्यार न किया तो ये आपको सारी जिंदगी ऐसे ही डराएगी। इसके सवालों को रोजमर्रा की चीजों से जोड़ लें। फिर तो गणित से आप कभी बोर नहीं होंगे। ‘

वह कहती हैं- ‘मैथ से बिल्कुल डरें नहीं। इसे गेम की तरह खेलें। चैलेंज की तरह लें। सबसे पहले फॉर्मूला या कांसेप्ट समझें। खूब प्रैक्टिस करें। धीरे-धीरे इससे लगाव हो जाएगा। फिर इसे हल करने में आपको मजा आएगा। आपको मैथ से प्यार हो जाएगा। सवालों को डेली की चीजों से जोड़ लें तो फिर यह बोर नहीं लगेगा। इसमें मजा आएगा। 

नीना गुप्ता कहती हैं- ‘गणित से कोई बच नहीं सकता है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक हर चीज में कहीं न कहीं गणित है। आप जिस टेबल और कुर्सी पर बैठते हैं। उसे गौर से देखिये, दोनों के चार-चार पैर होते हैं। टेबल के भी चार पैर और के चार पैर में भी मैथेमैटिक्स है। उनके पैर भी गणित की नापतौल से बने हैं।’ 

‘आप घड़ी को देख लीजिए, उसमें भी गणित है। चाय बनानी हो या भोजन बनाना हो, किसमें कौन-सी चीज कितनी डालनी है, यह गणित के बिना नहीं हो सकता है। भोजन में चीनी-नमक भी गिनती के अनुसार डालते हैं। पैसों के लेन-देन में तो मैथ कूट-कूट कर भरा है।’ वे कहती हैं- ‘मुझे बचपन से ही गणित में रुचि थी। मैथ मेरी जिंदगी थी। लेकिन यह हमें नहीं पता था कि इसमें मेरा करियर भी हो सकता है। लेकिन एक प्रोफेसर ने मुझे प्रेरित किया। फिर मैंने पीएचडी की। फिर मैं पढ़ती चली गई और आज भी पढ़ रही हूं।’

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