सियासी गलियारे से – 9 : पीपरा से पहली बार MLA बने हैं रामविलास कामत, ‘कोसी समाजवाद का गढ़ है…’

PATNA (SMR) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दो साल हो गए। 17 वीं विधानसभा में 243 में से करीब 100 विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। उनमें से कुछ विधायकों से बिहार पॉलिटिक्स पर पैनी नजर बनाए रखने वाले वीरेंद्र यादव ने बात की है। उनके दो वर्ष के अनुभव और अनुभूति को नजदीक से जाना। यहां हम उनके सौजन्य से ‘सियासी गलियारे से’ की सीरीज में प्रकाशित कर रहे हैं… पेश है नौवीं कड़ी :

कोसी यानी तीन जिला सहरसा, मधेपुरा और सुपौल। इसी कोसी के सुपौल जिले के पीपरा विधान सभा क्षेत्र से जदयू के विधायक हैं रामविलास कामत। पहली बार विधायक बने हैं। उनसे कोसी की राजनीतिक की संभावना और अतिपिछड़ी जाति की दावेदारी को लेकर बातचीत हुई। वे कहते हैं कि कोसी में एक जाति के रूप में यादव बडी़ आबादी वाली जाति है, जबकि वर्गीय हिसाब से अतिपिछड़ा वर्ग की संख्‍या महत्‍वपूर्ण है। इसमें सुपौल अतिपिछड़ी राजनीति का केंद्र है। 

वे कहते हैं कि कोसी के सभी इलाकों में अतिपिछड़ी जाति की बड़ी बसावट है। अतिपिछड़ी जातियों में वर्गीय भावना भी प्रबल है। ये सभी जातियां मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को अपना नेता मानती हैं। वे कहते हैं कि जदयू में कोसी की राजनीति की दिशा ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव तय करते हैं। 1990 में पहली बार विधायक और मंत्री बनने के बाद से बिजेंद्र यादव कोसी इलाके के निर्विवाद नेता हैं और उनका व्‍यापक जनाधार है, इसलिए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का उन्‍हें विश्‍वास हासिल है और लगातार मंत्री बने हुए हैं।

रामविलास कामत कहते हैं कि कोसी बीएन मंडल और बीपी मंडल की राजनीतिक जमीन है। यह समाजवाद का गढ़ रहा है। कई बड़े समाजवदी नेता कोसी को ही अपना कार्यक्षेत्र बनाते रहे हैं और प्रतिनिधित्‍व भी करते रहे हैं। समाजवाद का ही असर है कि कोसी में अतिपिछड़ी जातियां एक मजबूत राजनीतिक ताकत बन सकी हैं। बड़ी संख्‍या में अतिपिछड़ी जाति के सांसद और विधायक इसी इलाके से जीतते रहे हैं। कोसी की सिर्फ दो विधानसभा सीट भाजपा के पास है, जबकि शेष सीट समाजवादियों के पास है। 

अपनी राजनीतिक संभावनाओं के संबंध में रामविलास कामत ने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और अभिभावक ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के मार्गदर्शन में पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में दावेदारी के संबंध में उन्‍होंने कहा कि पार्टी के निर्देश का पालन करेंगे और इस संबंध में निर्णय मुख्‍यमंत्री को लेना है। उनका निर्दश ही सर्वोपरि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *