होम्योपैथी के जनक हैनीमेन के घर जर्मनी में दिखा बिहार का जलवा, मुंगेर के डॉ नीतीश ने लहराया परचम

PATNA (RAJESH THAKUR)। सात समंदर पार होम्योपैथी के जनक हैनीमेन के घर जर्मनी में बिहार का जलवा देखने को मिला। बिहार के रहने वाले डॉ नीतीश चंद्र दुबे के नेतृत्व में दुनिया भर के होम्योपैथिक चिकित्सक एक छत के नीचे जुटे और गंभीर बीमारियों पर मंथन कर इतिहास रच दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने होम्योपैथी के पुरोधाओं का सम्मान भी किया। इसके पहले उन्हें दिल्ली में भी सम्मानित किया गया। दिल्ली समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, आयुष मंत्री जाधव प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, भागलपुर के सांसद राजेश वर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

दरअसल, डॉ नीतीश चंद्र दुबे हवेली खड़गपुर के घोरघट स्थित कल्याणपुर के रहने वाले हैं। होम्योपैथी के क्षेत्र में वे अब काफी ख्यातिलब्ध हो चुके हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से होम्योपैथी के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। देश के कई राज्यों में समारोह करने के बाद इस बार डॉ दुबे ने वर्ल्ड होम्योपैथी सम्मिट-3 का आयोजन जर्मनी में किया। होम्योपैथी के जनक हैनीमेन की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में विश्व के प्रसिद्ध चिकित्सक ही नहीं, क्रिकेट के टॉप लाइनर सितारे भी शामिल हुए।

हरिओम होम्यो क्लीनिक कल्याणपुर के एमडी डॉ नीतीश चंद्र दुबे ने कार्यक्रम की सफलता का श्रेय पूरी टीम को दिया है। उन्होंने कहा कि यह श्रद्धा और विश्वास की जीत है। जर्मनी में आयोजित वर्ल्ड होम्योपैथी समिट-3 की सफलता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दुनिया के अलग-अलग देशों से आए होम्योपैथी के पुरोधा हस्ताक्षरों ने इतिहास रच दिया। अमेरिकन होम्योपैथी बोर्ड की प्रसिडेंट लौरी ग्रोसमेंन की उपस्थिति ने चिकित्सकों को नयी ऊर्जा दी, तो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इओंन मॉर्गन ने अपनी सादगी से बिहार समेत देश भर से पहुंचे होम्योपैथिक चिकित्सकों का दिल जीत लिया। ब्रिटेन के प्रोफेसर रोनाल्ड मुरे ने चिकित्स्कों से अपना अनुभव साझा किया, जबकि जर्मन प्रोफेसर कालरा होनाडीलो ने जर्मनी की धरती पे सबका भव्य स्वागत किया। सारे चिकित्स्कों ने प्रण लिया कि इतिहास रटना नहीं है, बल्कि रचना है।

खास बात कि डॉ नीतीश दुबे को अपने गाँव की माटी से बेहद लगाव है। यही वजह है कि उन्होंने बिहार सहित अन्य राज्यों में फैले अपने क्लीनिक के नाम में ‘कल्याणपुर’ शब्द को जोड़ लिया है। वे कहते हैं कि हैनीमेन के घर जर्मनी में समारोह करने का एक ही लक्ष्य था कि उनके बताये मार्ग पर चलकर हमलोग इतिहास रचें। हमलोग दुनिया को बताना चाहते हैं कि हम होम्योपैथी पद्धति को कहां ले जाना चाहते हैं। इस यात्रा में सारथी चिकित्सक मित्रों तथा शुभचिंतकों का भरपूर स्नेह और साथ मिल रहा है। वे ये भी कहते हैं कि होम्योपैथी प्राकृतिक उपचार पद्धति है, जो प्रकृति के नियम सिमिलिया सिमिलीबस क्यूरेंटुर पर आधारित है। हमारा लक्ष्य लाभ कमाना नहीं है। हमारा उद्देश्य एक ऐसा राष्ट्र बनाना है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण कोई मौत न हो।