PATNA (MR) : बिहार की राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में लगे पटना पुस्तक मेला 2024 (Patna Book Fair 2024) का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शुक्रवार को उद्घाटन किया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के अलावा पुस्तक मेला के अध्यक्ष रत्नेश्वर, संयोजक अमित झा सहित अन्य लोग मौजूद रहे। पीपल के पौधे में सबों ने जल अर्पित कर इस मेले का आगाज किया। पटना पुस्तक मेला का यह 40वां संस्करण है। यह मेला 17 दिसंबर तक चलेगा। बता दें कि इस साल मेले का थीम ‘पेड़ पानी जिंदगी- पर्यावरण सुरक्षा अभी’ है।
CM को भेंट की पुस्तकें
पटना पुस्तक मेला के संयोजक अमित झा ने प्रतीक चिह्न देकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, श्रम संसाधन विभाग, वाणी प्रकाशन, बिहारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आर्ट गैलरी समेत केंद्रीय संचार ब्यूरो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से लगाए गए स्टॉल व प्रदर्शनी का अवलोकन किया। अध्यक्ष रत्नेश्वर ने इस मौके पर बताया कि 1985 में प्रारंभ इस मेले से मुख्यमंत्री का रिश्ता रहा है। जिस साल से मेला शुरू हुआ है, उसी साल पहली बार नीतीश कुमार विधायक बने थे। उद्घाटन के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री सहित सभी आगत अतिथियों को दो-दो पुस्तकें भेंट की।
सिनेमा-उनेमा खास आकर्षण
दरअसल, इस बार का पटना पुस्तक मेला पद्मभूषण शारदा सिन्हा और पद्मश्री उषा किरण खान को समर्पित है। इन पर केंद्रित कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इन कार्यक्रमों में प्रेम कुमार मणि, त्रिपुरारी शरण, निवेदिता, कुमार वरुण आदि शामिल होंगे। इस बार की थीम है – पेड़ पानी जिंदगी- पर्यावरण संरक्षण अभी। इतना ही नहीं, पटना पुस्तक मेला इस बार अपने दो प्रमुख मंचों के साथ विविध कार्यक्रमों से गुलजार होगा। इस बार नए आकर्षण बच्चे जैसे कथा कहानी, सिनेमा-उनेमा, किस्सागो, कविताई, हरियाली रंगोत्सव, बस बोल डाल, जानो जक्सन, कला मुआयना, जन संवाद, करियर एंड कॉन्सेलिंग, नयी किताब, कलम, कॉफी हॉउस आदि हैं।
बच्चों के लिए भी कई कार्यक्रम
इसके अलावा इस बार यूनिसेफ के साथ मिलकर बच्चों को प्रेरित करने के लिए ‘बच्चे जैसे कथा कहानी’ कार्यक्रम किया जा रहा है। इसमें देश के मशहूर किस्सागो डॉक्टर कुमार विमलेन्दु बच्चों को कहानी लिखना सिखाएँगे। बच्चों द्वारा लिखित चुनी हुई कहानियों की किताब छापी जायेगी। वहीं, इस बार पटना के मुहल्लों को भी यह मेला समर्पित है। गेट से लेकर ब्लॉक तक के नाम पटना के मुहल्लों और गलियों पर रखे गए हैं।
अशोक राजपथ बना मुख्य द्वार
शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित पुस्तक मेले में प्रवेश के लिए पहली बार तीन गेट लगाए गए हैं। तीनों के अलग-अलग नाम दिए गए हैं। जब आप श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल के सामने गेट नंबर 5 से गांधी मैदान में आएंगे तो मेला का मेन गेट दिखेगा। यह मुख्य गेट है। इसका नाम ‘अशोक राजपथ’ दिया गया है। इसी गेट के निकट अंदर में प्रशासनिक भवन बनाया गया है, जिसका नाम ‘राजेंद्र नगर प्रशासनिक भवन’ नाम दिया गया है। यहां से आपको सीधे ‘श्री कृष्णापुरी मंच’ दिखेगा। इसी तरह, दूसरे गेट का नाम ‘बोरिंग रोड’ और तीसरे गेट का नाम ‘फ्रेजर रोड’ रखा गया है। मेला कैंपस में आप जैसे-जैसे अंदर बढ़ेंगे, ब्लॉक और मंच के रूप में अन्य मुहल्लों के नामों से रूबरू होंगे।
कंकड़बाग भी मिलेगा यहां
पुस्तक मेले में कला मुआयना का नाम एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी के रूप में चर्चित ‘कंकड़बाग’ के नाम पर रखा गया है। इसी तरह सिनेमा-उनेमा ‘बाकरगंज’, हरियाली रंगोत्सव ‘कुर्जी’ के नाम से जाना जाएगा। फूड कोर्ट और अन्य ब्लॉक के नाम मारूफगंज, खेमनीचक, दानापुर, किदवईपुरी, राजा बाजार, खगौल, अनिसाबाद, अदालतगंज आदि के नाम पर रखे गए हैं। हालांकि, इसमें कई बड़े नाम छूट भी गए हैं। मसलन, बेली रोड, सगुना मोड़, पटना का मेरीन ड्राइव सहित पटना सिटी की कई महत्वपूर्ण गलियां शामिल हैं। पुस्तक प्रेमी इस मंथन को अच्छा मान रहे हैं। और सबसे बड़ी बात है कि संस्कृति और साहित्य के इस उत्सव को पद्मभूषण अलंकृत शारदा सिन्हा और पद्मश्री अलंकृत उषा किरण खान को समर्पित किया गया है।