गली के सितारे 2: बिहार की बिटिया सारा सालेह को इसरो ने चुना, गदगद हैं किशनगंज के लोग

KISHANGANJ (MR)। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। गांव के माहौल में पढ़ी-बढ़ी 14 साल की सारा सालेह पर भी लागू होता है। बिहार की इस बिटिया ने गली-मुहल्ले से निकलकर नेशनल लेवल पर अपनी पहचान बना ली है। सारा को इसरो ने अपने कार्यक्रम के लिए चयन किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) की ओर से आयोजित यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम (युवा विज्ञानी कार्यक्रम-युविका) 2020 में वह शिरकत करेगी। इस चयन से किशनगंज के लोग काफी गदगद हैं।

सारा सालेह किशनगंज के दिघलबैंक के तालिमाबाद टप्पू स्थित मिल्ली गर्ल्स स्कूल में पढ़ती है। वह नौवीं की स्टूडेंट है। पिता रजीबुद्दीन दिघलबैंक में ही नियोजित प्राइमरी टीचर हैं और मां आंगनबाड़ी सेविका। स्कूल की प्राचार्या बताती हैं कि सारा ने युविका कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था, जिसमें उसका सेलेक्शन हो गया। उसे आठवीं में 97.7% अंक प्राप्त हुए थे। विज्ञान, गणित व अंग्रेजी में तो शत-प्रतिशत अंक मिले थे। पिता ने बताया कि पांच भाई-बहनों में सारा दूसरे स्थान पर है।

सारा कहती है, इसरो के युविका कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य युवाओं, छात्र-छात्राओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान तथा अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर मौलिक ज्ञान देना है, ताकि अंतरिक्ष गतिविधियों के उभरते क्षेत्रों में उनकी रुचि बढ़ाई जा सके। बच्चों को इसका लाभ मिल सके।

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