PATNA (APP) : बागेश्वर बाबा बिहार दौरे पर आए हुए हैं। 13 मई से ही उनका कार्यक्रम चल रहा है। पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में हनुमंत कथा का आयोजन किया गया है। बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इस यात्रा को लेकर बिहार में सियासी हलचल काफी तेज है। महागठबंधन के नेता जहां बाबा पर ताबड़तोड़ तंज कस रहे हैं तो बीजेपी वाले उन हमलावरों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। लेकिन, जिस तरह पहले दिन से ही बागेश्वर बाबा के स्वागत में पूरी बीजेपी खातिरदारी में लग गयी, उससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी वाले बागेश्वर बाबा को लेकर काफी गदगद हैं। यहां हम बताते हैं कि आखिर क्यों गदगद हैं बीजेपी के लोग बिहार में…

वोटों का ध्रुवीकरण : आपको 13 मई की याद दिलाते हैं जब बागेश्वर बाबा पटना पहुंचे थे। एयरपोर्ट से ही उनके स्वागत में बीजेपी के दिग्गज लोग लग गए थे। आपने यह भी देखा होगा कि किस प्रकार बीजेपी के बड़े और दिग्गज नेता बागेश्वर बाबा के स्वागत में मंच पर पहुंच गए थे और उनसे आशीर्वाद ले रहे थे। इनमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, सांसद रामकृपाल यादव समेत अनेक नेता शामिल रहे। बाबा ने सभी दिग्गजों को पीला अंगवस्त्र ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। इसके अलावा पटना स्थित बीजेपी मुख्यालय में भी बागेश्वर धाम वाले बाबा की बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगी हुई है। इसके पीछे बताया जाता है कि वोटों का ध्रुवीकरण बड़ा कारण है। बीजेपी को उम्मीद है कि इससे उसे लोकसभा चुनाव 2024 में सनातनी वोटरों के ध्रुवीकरण का लाभ मिलेगा।

धर्म की राजनीति : बागेश्वर धाम वाले बाबा से बीजेपी वाले इसलिए भी गदगद हैं कि उनके चुनावी एजेंडे पर ही तो काम हो रहा है। दरअसल, बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धर्म का प्रचार कर रहे हैं। धार्मिक कार्यक्रम करा रहे हैं। वे खुद को बालाजी का अवतार मानते हैं। हिंदू संगठन को मजबूत करने की बात कर रहे हैं। और, लगभग यही ऐजेंडा बीजेपी का भी है। बीजेपी नेता भी हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, भारत-पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं। इससे बीजेपी के लोगों को लगता है कि बाबा के कनेक्शन से इसका लाभ 2024 के चुनाव में पार्टी को मिलेगा। पॉलिटिकल एक्सपर्ट भी इससे इनकार नहीं करते हैं। वे कहते भी हैं कि चुनाव में इसका लाभ लेना ही बीजेपी का मुख्य मकसद है।

वोटरों को मोटिवेट करना : अब आते हैं वोटरों के मोटिवेशन पर। लोकसभा चुनाव होने में अब साल भर का भी समय नहीं बचा है। उसके लगभग डेढ़ साल बाद बिहार विधानसभा का चुनाव भी होना है। इसे लेकर बीजेपी वोटरों को लगातार मोटिवेट करती आ रही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की मानें तो बाबा के कार्यक्रमों से जुड़े संगठनों व समर्थकों का झुकाव भी बीजेपी की ओर रहता है। बीजेपी के लोग चुनावों में इसका फायदा भी उठाते रहे हैं। यही वजह रही है कि पटना में आयोजित कार्यक्रम में भी बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। यहां तक कि पटना एयरपोर्ट से जिस गाड़ी से बाबा पनाश होटल पहुंचे, उस गाड़ी को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ड्राइव कर रहे थे। वे उनके सारथी बने हुए थे।

हिंदू कार्ड पॉलिटिक्स : बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम से बीजेपी के हिंदू कार्ड को भी हवा मिल रही है। दरअसल, बाबा बागेश्वर पटना के कार्यक्रम में ही नहीं, बल्कि पहले भी हिंदू राष्ट्र की मांग करते रहे हैं और इसका वे खुलकर समर्थन भी देते रहे हैं। पटना में आयोजित नौबतपुर के कार्यक्रम में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साफ कहा कि अपना देश तो हिंदू राष्ट्र है ही, बस इस केवल मुहर लगनी है। हालांकि, बाबा के इस बयान पर भी सियासत खूब हो रही है। बता दें कि बीजेपी वाले भी हिंदू राष्ट्र की मांग शुरू से उठाते रहे हैं। उसके चुनावी एजेंडे में हिंदू कार्ड है। इतना ही नहीं, चुनावी सभाओं में इस पर पूरा फोकस किया जाता है। कांग्रेस के सेक्यूलरिज्म पर भी तंज कसा जाता है। एक एजेंडा की वजह से बीजेपी की बाबा बागेश्वर से नजदीकियां कुछ ज्यादा है।

महागठबंधन को चोट देना : इतना तो आप जान ही गए हैं कि बागेश्वर बाबा को लेकर बिहार में सियासत भी जबर्दस्त हो रही है। महागठबंधन के नेता खुलकर उनके विरोध में बोलते हैं तो बीजेपी वाले सियासी हमलावरों को मुंहतोड़ जवाब देते हैं। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि बागेश्वर धाम बाबा पर यह सियासत क्यों ? इससे किसे फायदा और किसे नुकसान ? पॉलिटिकल एक्सपर्ट साफ कहते हैं कि बाबा बागेश्वर के कार्यक्रमों से सीधे-सीधे बीजेपी को फायदा है। चूंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है, इसलिए बीजेपी चाहती है कि महागठबंधन के वोटरों को हिंदू धर्म के नाम पर एकजुट कर महागठबंधन को चोट पहुंचायी जाए। उसके वोटरों में सेंधमारी की जाए। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की मानें तो बागेश्वर बाबा को लेकर महागठबंधन के नेताओं को भी लगता है कि उनके प्रवचन से हिंदू-मुस्लिम एकता में दरार पड़ सकती है। यही वजह है कि बीजेपी के लोग गर्मजोशी से बाबा के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, ताकि महागठबंधन वाले टेंशन में रहे।

Previous articleBageshwar Baba in Patna (Part-1) : बिहार में हनुमंत कथा करने आए बागेश्वर बाबा कौन हैं, सब जानिए 5 प्वाइंट में !
Next articleBageshwar Baba in Patna (Part-3) : बागेश्वर बाबा ने दिए ये सियासी संकेत, विरोधियों को भी नहीं छोड़े

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here