MATHURA (MR) : ब्रज में आधी रात में कन्हैया के जन्म लेते ही पूरा इलाका ‘जय कन्हैया लाल की’ से गूंज उठा। कान्हा के जन्म के साथ ही घंटे-घड़ियाल की आवाज में ब्रजवासी डूब गए। पूरा माहौल कृष्णमय हो गया। चारों तरफ बस यही आवाज आ रही है- हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की।
घड़ी की दोनों सुइयां जैसे ही रात 12 बजे आपस में मिली, वैसे ही मंदिर घंटे-घड़ियाल और शंख ध्वनि से गूंज उठा। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जन्म के बाद कान्हा का सेवायतों ने अभिषेक किया। तीर्थनगरी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बुंदेलखंड, भोजपुरी, हरियाणवी और ब्रज संस्कृति का समागम देख मथुरावासी ही नहीं, देश-विदेश से आए भक्त भी आनंदित हो उठे। इसे लेकर 250 लोक कलाकारों ने शोभायात्रा निकाल कर एकता का संदेश दिया।
दरअसल, श्रीकृष्ण की जन्म भूमि पर कई दिनों से यह अनूठे पल को अपनी आंखों से निहारने को लेकर लोग लालायित थे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के साथ पूरे ब्रज में खुशी का आलम था। वहीं, ठाकुर राधारमण मंदिर में सेवायतों ने वेदमंत्रों के मध्य 2100 किलो दूध, दही, घी, शक्कर, पंचगव्य, सर्वोषधि, गंधाष्टक और बीजाष्टक से ठाकुर राधारमण महाराज का महाभिषेक विधिविधान से किया। इस नयनाभिराम छवि को निहारने के लिए लोगों में होड़ मची रही।
मंदिर में मौजूद लोग जन्म के साक्षी बनने के लिए आतुर थे। वे पलक पावड़े बिछाए हुए थे। 12 बजे रात की ओर घड़ी की सुइयों के पहुंचते ही वहां मौजूद लाखों श्रद्धालुओं के दिल की धड़कनें तेज हो गयीं। जन्म लेने के बाद श्रद्धालुओं में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन के लिए आपाधापी मच गयी। लेकिन चुस्त प्रशासनिक व्यवस्था से लोगों ने शांतिपूर्वक देवकीनंदन का दर्शन किया। इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया।
जन्माष्टमी के मौके पर उमड़ती भीड़ का देखते हुए न केवल मथुरा, बल्कि वृंदावन में भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। अधिकारी खुद मंदिर-मंदिर जाकर जायजा ले रहे हैं। उप्र के प्रमुख सचिव और डीजीपी सीधी निगरानी कर रहे हैं।