Bageshwar Baba in Patna (Part-3) : बागेश्वर बाबा ने दिए ये सियासी संकेत, विरोधियों को भी नहीं छोड़े

PATNA (APP) : बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों बिहार दौरे पर हैं। इनके आने के एक पखवारे पहले से बाबा को लेकर सियासत तेज हो गयी। अनर्गल बयानबाजी भी होने लगी। इसमें आरजेडी के नेता सबसे आगे रहे। आरजेडी की ओर से मंत्री तेजप्रताप यादव, मंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आदि शामिल रहे। वहीं, उनका जवाब देने में बीजेपी के नेता भी कहीं से पीछे नहीं रहे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी तक ने मुंहतोड़ जवाब दिया। लेकिन, बागेश्वर बाबा ने अपने प्रवचनों से बिहार पॉलिटिक्स में कई बड़े संकेत भी दे दिए। वहीं विरोधियों को भी बिना नाम लिये, नसीहत दी। ऐसे में जानते हैं कि बागेश्वर बाबा ने क्या संकेत दिए हैं बिहार पॉलिटिक्स को लेकर…

संकेत नंबर एक : बागेश्वर बाबा ने हनुमंत कथा के दौरान बजरंगीबली का जमकर गुणगान किया। कथा सुनने के लिए पहुंचे लोगों को ‘बंदरों’ से लेकर ‘पागलों’ तक कहा। विरोधियों पर भी तंज कसा। इसके साथ ही खास बात यह कही कि यह धरती बदलाव चाहती है। कथा से बिहार को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि यहां बदलाव होना चाहिए। इसे अब अलग-अलग चश्मे से लोग देख रहे हैं। चूंकि बाबा जो भी बातें कथा में उठाते हैं, वह बीजेपी का भी एजेंडा रहता है। फिर बाबा के इस बदलाव को लोग सत्ता परिवर्तन से जोड़ कर देख रहे हैं। फिर बीजेपी चाह भी रही है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन हो। ऐसे में बीजेपी के नेता इसे अपने हित में बड़ा संकेत मान रहे हैं।

संकेत नंबर दो : बागेश्वर बाबा का पटना से सटे नौबतपुर में हनुमंत कथा का आयोजन किया गया। इसमें उन्होंने खुलकर ‘रामलहर’ की बातें की। इस दौरान उन्होंने विरोध करने वालों का भले ही नाम नहीं लिया, लेकिन उन्हें इशारों ही इशारों में मैसेज के सथ नसीहत जरूर दे दी। उन्होंने कहा कि राम नाम की बड़ी महिमा है और भौंकने वाले भी राम नाम कहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि कथा का विरोध करने वाले पागलों की भी जय हो। बिहार तप की धरती है, मां सीता की तपोभूमि है। इस धरती पर रामलहर ही बदलाव लाएगी। बदलाव रामकाज है, रामकाज के लिए संगठित होना होगा। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की मानें तो बाबा ने संकेत दिए हैं लोगों को कि राम के नाम पर आपलोग एकजुट हो जाएं, फिर तो बदलाव दिखेगा ही दिखेगा। अब आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि भगवान राम के भरोसे किसकी चुनावी वैतरणी पार होती है।

संकेत नंबर तीन : बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा के दौरान यह भी कहा कि बिहार में लोगों की आस्था देखकर उन्हें लग रहा है कि पहले ही आना चाहिए था, लेकिन अब वे यहां लगातार आते रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में रामराज आने तक वह लगातार आएंगे और कथा सुनाएंगे। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की मानें तो इसे भी बीजेपी के लोग अपने लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। दरअसल, सामने लोकसभा चुनाव है और ऐसा माहौल बनता है तो बेशक हिंदू वोटर एकजुट होंगे, फिर तो विरोधी दलों की 2024 वाली सियासी गणित बिगड़ते देर नहीं लगेगी। इसके साथ ही कहीं न कहीं बीजेपी के लिए सियासी जमीन भी तैयार होगी।

संकेत नंबर चार : बागेश्वर बाबा ने हनुमंत कथा के दौरान हिंदू राष्ट्र के बारे में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत तो हिंदू राष्ट्र पहले से ही है, केवल इस पर मुहर लगनी बाकी है और हम तो केवल हिंदू-हिंदू करते हैं। दरअसल, विरोधी दलों की ओर से लगातार यह कहा जा रहा था कि बाबा बागेश्वर हिंदू-मुस्लिम करते हैं। इसे लेकर तरह-तरह के बयान भी जारी किये जा रहे थे। मीडिया ने इस सवाल पर उनसे पूछा तो बाबा ने कहा, ‘वह हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं करते, बल्कि हिंदू-हिंदू करते हैं। वह हिंदू को जगा रहे हैं, सनातन धर्म काे जगा रहे हैं। बिहार की धरती को फिर से तप की भूमि बना रहे हैं। सियासी गलियारे में इसके साफ संकेत हैं कि बीजेपी के एजेंडों को किस प्रकार हवा मिल रही है। बाबा ने यहां तक कह दिया कि बिहार की धरती से ही हिंदू राष्ट्र की ज्वाला जलेगी।

संकेत नंबर पांच : बाबा बागेश्वर ने हनुमंत कथा के दौरान आरजेडी के मंत्री को भी बिना नाम लिये तगड़ा जवाब दिया। दरअसल, आरजेडी कोटे से बने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर डॉ. चंद्रशेखर ने 2023 के शुरुआत में रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था। तब उन्होंने कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस से समाज में नफरत फैलती है। रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें हैं। इसी को लेकर बाबा बागेश्वर ने कहा कि श्रीरामचरित मानस सबसे सुंदर ग्रंथ है। यह लोगों को सदबुद्धि देती है। सुंदर कांड तो ऐसा है जिसमें बंदर भी सुंदर है। हालांकि, बाबा ने किसी का नाम नहीं लिया।

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