Bageshwar Baba in Patna (Part-4) : एक बिहारी सब पर भारी, बागेश्वर बाबा ने भी मानी, खूब की प्रशंसा

PATNA (APP) : बागेश्वर बाबा पहली बार बिहार आए, वह भी पांच दिनों के लिए। पटना में उनका दिव्य दरबार लगा। 13 मई से 17 मई तक उनका नौबतपुर के तरेत पाली मठ में कार्यक्रम हुआ। कहा जाता है कि हनुमंत कथा में लगभग 10 लाख लोग पहुंचे। भीड़ को देखते हुए बाबा को भी कहना पड़ा कि जो जहां हैं, वहीं से सुनिए। उन्होंने पटना से ही बिहार का माहौल भक्तिमय कर दिया। पटना के महावीर मंदिर भी पहुंचे। वहीं उन्होंने हनुमंत कथा के दौरान बिहार की प्रशंसा भी जमकर की। बिहार की युवाशक्ति की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बिहार में का बा, बागेश्वर बाबा। आइए जानते हैं बागेश्वर बाबा ने बिहार तथा बिहारियों की किस अंदाज में प्रशंसा की।

बिहार में बहार है : बागेश्वर बाबा ने बिहार तथा यहां रहने वाले लोगों की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां भक्ति का माहौल है। बिहार में बहार है। यहां भक्ति की बहार है। उन्होंने कहा कि पूरा बिहार राममय हो गया है। यहां रामलहर के लिए हम अब लगातार आते रहेंगे। यहां के लोगों में भक्ति को देखकर लगता है कि हमें आने में देर हो गयी। हमें यहां पहले आना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू राष्ट्र की ज्वाला बिहार से ही जलेगी और पूरा हिंदूस्तान रोशन होगा। उनकी इन बातों पर खूब तालियां बज रही थीं। लोग बजरंगबली, बालाजी, सीताराम के जयकारे लगा रहे थे।

मां सीता की तपोभूमि : यह तो पूरा देश जानता है कि बागेश्वर धाम वाले बाबा बजरंगबली के भक्त हैं। बहुत लोग उन्हें बालाजी का अवतार मानते हैं। वे भगवान राम और मां सीता के भी गुणगान करते अघाते नहीं हैं। वे इस बात से काफी खुश थे कि उन्हें मां सीता की जन्मभूमि पर आने का मौका मिला। उन्होंने अपने पांचों दिन की कथा में 100 से अधिक बार बोले होंगे कि बिहार मां सीता की तपोभूमि है। यहां कण-कण में भक्ति की धारा बह रही है। बता दें कि बाबा बागेश्वर पहली बार बिहार आए थे। इस पावन धरती को प्रणाम कर बोले कि वे बिहार अब आते रहेंगे।

सबसे ज्यादा बजरंगबली की मूर्ति : बाबा बागेश्वर तो बजरंगबली के दीवाने हैं। वे रामचरित मानस के सुंदरकांड का विस्तृत जानकारी देते हैं। बालाजी के नाम पर ही दिव्य दरबार लगाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में सभी भगवान के मंदिर हैं, मंदिरों में उनकी मूर्तियां हैं। लेकिन, यहां सबसे ज्यादा मूर्ति बजरंगबली की है। बिहार के लोग भी बजरंगबली की बहुत पूजा करते हैं। अन्य भगवान के मंदिरों में भी बजरंगबली की मूर्ति रहती है और उनकी पूजा होती है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में भगवान के कारण ही खुशहाली है और यहां के लोग खुश रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार पिछड़ा नहीं है, यहां तो भक्ति ही भक्ति है। भक्ति में यह सबसे आगे है।

देशभर की फैक्ट्री का संचालन : यह सही है कि बिहार के लोग देश के हर राज्य में मिल जाएंगे। चाहे आप ब्यूरोक्रेट्स की बात कर लें, सिनेमा की बात कर लें अथवा फैक्ट्रियों की बात कर लें। देश के अन्य राज्यों में चल रही फैक्ट्रियों में बिहार के लोग भरे पड़े हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तक कई दफे बोले हैं कि बिहारियों के दम पर देश की फैक्ट्रियां चल रही हैं। यदि ये सब लौट जाएं तो देश के कल-कारखाने बंद हो जाएंगे। यही बात अब बागेश्वर बाबा ने मानी। उन्होंने भी हनुमंत कथा के दौरान कहा कि बिहार के लोग देश भर की फैक्ट्रियों का संचालन करते हैं।

एक बिहारी सब पर भारी : यह कहावत वर्षों से चली आ रही है कि एक बिहारी सब पर भारी। पौराणिक काल से लेकर आधुनिक काल तक में बिहार और बिहार के लोगों ने हर क्षेत्र में परचम लहराया है। हर सेक्टर में बिहार के लोगों ने कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां तक देश को पहला राष्ट्रपति भी बिहार ने ही दिया था। पौराणिक काल में जाइए तो मां सीता से लेकर लवकुश तक ने बिहार को गौरवान्वित किया है और अब बागेश्वर धाम वाले बाबा ने भी मान लिया कि एक बिहारी सब पर भारी। उन्होंने कई दफे इस स्लोगन को दोहराया और खूब तालियां बटोरी।

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