PATNA (MR)। बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार का जल-जीवन-हरियाली योजना ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस योजना का समय-समय पर सरकार की ओर से मॉनिटरिंग की जाती रही है। गुरुवार को इस योजना को लेकर बैठक की गई। विकास के कामों का मूल्यांकन किया गया। इसमें बिहार का समस्तीपुर जिला पूरे प्रदेश में टॉप पर आया है। इसी तरह, जहानाबाद को दूसरा और गया को तीसरा स्थान मिला है।

सबसे खराब पोजिशन खगड़िया में रहा है
बिहार में जल-जीवन-हरियाली योजना की समीक्षा में चौंकाने वाला परिणाम रहा है। इस योजना में सबसे खराब प्रदर्शन खगडिय़ा का रहा। खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में मुजफ्फरपुर को दूसरा तथा पश्चिम चंपारण को तीसरा स्थान मिला है। इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समीक्षा के लिए 100 अंक तय किए गए थे। समस्तीपुर को सर्वाधिक 52.17 और खगडिय़ा को 22.45 अंक मिले।

दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
मंत्री ने बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत इस साल दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इन पौधों का संरक्षण मनरेगा की निधि से होगा। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सरी बनाने की भी योजना है। जल-जीवन-हरियाली अभियान में पिछड़े जिलों को सुधार करने की हिदायत जिलाधिकारियों एवं अन्य जिम्मेवार अधिकारियों को दी गई है।

पर्यावरण संतुलन के साथ विकास-रोजगार सृजन में भी सहायक
उन्होंने बताया कि यह योजना न सिर्फ पर्यावरण संतुलन के लिए अपरिहार्य है, बल्कि विकास एवं रोजगार सृजन में भी सहायक है। उन्होंने बताया कि किशनगंज, वैशाली, शेखपुरा, कैमूर, नालंदा, बांका, सारण एवं भोजपुर जिलों को 40 से अधिक अंक मिले। बाकी जिले 30 से 40 अंक के बीच ही झूलते रहे।

Previous articleठाकुर स्वर्णकार संघ की बेगूसराय जिला इकाई का हुआ गठन, जनहित में काम करेगा समाज
Next articleबिहार: औरंगाबाद की बेरी पंचायत में बांटे गए साबुन-मास्क, कहा गया- फीजिकल डिस्टेंसिंग का करें पालन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here