PATNA (MR) : बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों को लेकर पर्यटन विभाग ने सुलभ इंटरनेशनल को आज गुरुवार को बड़ी जिम्मेदारी दी है। इसे लेकर MoU पर हस्ताक्षर भी हुआ। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में पहले ही स्वीकृति मिल गयी थी। पर्यटन विभाग के अनुसार, बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सार्वजनिक शौचालयों का गुणवत्तापूर्ण रख-रखाव अब सुलभ इंटरनेशनल करेगी। बिहार कैबिनेट की स्वीकृति के बाद सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाईजेशन, पटना को मनोनयन के आधार पर कार्य आवंटन की अधिकृत रूप से जिम्मेदारी दी गयी है।
पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा और पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह की उपस्थिति में पर्यटन निदेशक विनय कुमार राय और सुलभ के पदाधिकारियों के मध्य सहमति पत्र का आदान-प्रदान किया गया। पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को मानक अनुरूप मूलभूत जन-सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि पर्यटक बिहार के पर्यटन स्थलों से सुखद अनुभूति लेकर जाएं। इससे पूरे राज्य में एक मानक के अनुरूप शौचालयों का रख-रखाव एवं गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी। इससे रोजगार सृजन की संभावना के साथ-साथ स्वच्छ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि पर्यटकों के लिए सार्वजनिक शौचालय की सुविधा निःशुल्क होगी। इसके लिए केंद्रीयकृत रूप से सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाईजेशन को सार्वजनिक शौचालय के जीर्णोद्धार, रख-रखाव एवं सफाई कार्य में 1,35,57, 275/- रुपये प्रति माह तथा 16,26,87,300/- रुपये वार्षिक राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि पर्यटक स्थलों तथा शौचालयों की संख्या एवं परिसर साफ-सफाई हेतु कर्मियों की संख्या में बढ़ोत्तरी के अनुरूप राशि में भी बढ़ोत्तरी के प्रावधान हैं।
इस योजना के प्रथम चरण में कुल 28 पर्यटन स्थलों एवं पर्यटक सूचना केंद्रों पर पर्यटकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण जन-सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। इसके लिए गया में विष्णुपद मंदिर, सीताकुंड, मंगलागौरी, ब्रह्मयोनी, प्रेतशिला, डुंगेश्वरी, तपोवन आदि मंदिरों को शामिल किया गया है। इसी तरह, बोधगया में महाबोधि मंदिर व सुजाता मंदिर समेत बराबर की गुफा (जहानाबाद), नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर के बाह्य परिसर (बिहारशरीफ), राजगीर रोपवे, विश्वशांति स्तूप (राजगीर), सूर्यकुंड (राजगीर), ब्रह्मकुंड, (राजगीर), घोड़ा कटोरा (राजगीर), अशोक स्तंभ (वैशाली), विश्वशांति स्तूप (वैशाली) एवं अभिषेक पुष्करणी परिसर शामिल हैं। इनके अलावा रामरेखा घाट (बक्सर), मंदार रोपवे (बांका), ओढ़नी डैम (बांका), मां मुण्डेश्वरी मंदिर परिसर (कैमूर), पुनौराधाम (सीतामढ़ी), केसरिया स्तूप (पूर्वी चंपारण), भितीहरवा आश्रम (पश्चिम चंपारण), अहिल्या स्थान (दरभंगा), मनेर शरीफ (पटना), पर्यटन घाट (दीघा) समेत सभी पर्यटक सूचना केंद्र शामिल किए गए हैं।