बिहार में भी हिट हो रही ‘द साबरमती रिपोर्ट’, फिल्म देखने के बाद सम्राट चौधरी ने कही ये बात

PATNA (MR) : देश भर में चर्चित गोधरा कांड की पोल खोलती फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ मूवी रिलीज के बाद से ही चर्चा में आ गयी है। पटना के सिनेमाघरों में भी यह फिल्म लग गयी है। विक्रांत मैसी की फिल्म द साबरमती रिपोर्ट को आज 18 नवंबर को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ सिनेमा हॉल में बैठकर देखा। उनके साथ पटना के प्रमुख मीडियाकर्मियों ने भी इस फिल्म को देखा।

फिल्म देखने के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कैसे तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं गुजरात की सरकार को बदनाम करने के लिए उस समय दुष्चक्र किया गया। आइएनडीआइए के कुछ लोगों और कुछ पार्टी के लोगों के द्वारा नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की कोशिश की। फिल्म से सच्चाई सामने लाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी लिखा- सत्य व तथ्य पर आधारित वाकई जबरदस्त फिल्म है साबरमती रिपोर्ट। उन्होंने लोगों से इस फिल्म को देखने की अपील भी की।

दरअसल, द साबरमती रिपोर्ट रिलीज के बाद से ही गोधरा कांड को लेकर चर्चा में बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक इस फिल्म की सराहना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की तारीफ की थी। उन्होंने एक्स पर लिखा- एक झूठी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आ ही जाते हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी तारीफ करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- यह फिल्म सच्चाई पर आधारित है। इसे हर किसी को देखना चाहिए। उन्होंने इसे देखने की वजह भी बतायी।

जानें क्या है फिल्म का सियासी कनेक्शन

  • गोधरा कांड के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे। उनके नाम को अक्सर उस त्रासदी से जोड़ा जाता है, जबकि मार्च 2002 में उन्होंने गोधरा कांड की जांच के लिए नानावटी-शाह आयोग बनाया। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज केजी शाह और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जीटी नानावटी इसके सदस्य बने।
  • आयोग ने अपनी रिपोर्ट का पहला हिस्सा सितंबर 2008 में पेश किया। इसमें गोधरा कांड को सोची-समझी साजिश बताया गया। साथ ही नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रियों और वरिष्ठ अफसरों को क्लीन चिट दी गयी।
  • 2009 में जस्टिस केजी शाह का निधन हो गया। उसके बाद गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अक्षय मेहता इसके सदस्य बने और तब आयोग का नाम नानावटी-मेहता आयोग हो गया।
  • आयोग ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा पेश किया। इसमें भी रिपोर्ट के पहले हिस्से में कही गयी बात दोहरायी गयी।

फिल्म की क्या है कहानी ?

  • ‘द साबरमती रिपोर्ट’ में समर कुमार (विक्रांत मैसी) एक हिंदी पत्रकार है, जो फिल्म बीट कवर करता है। उसे हमेशा फिल्म इंडस्ट्री और अंग्रेजी भाषी पत्रकारों द्वारा हीन भावना से देखा जाता है। दूसरी ओर, मनिका (रिद्धि डोगरा) एक तेज तर्रार अंग्रेजी न्यूज एंकर है, जिसका मीडिया में दबदबा है।
  • गोधरा में, 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस की S-6 बोगी में आग लगने से 59 कारसेवकों की मौत हो जाती है। मनिका, इस घटना को कवर करने के लिए गोधरा जाती है और समर को अपने कैमरा मैन के रूप में साथ ले जाती है। समर इसे अपने करियर का ‘गोल्डन चांस’ मानता है, लेकिन जब मनिका अपने बॉस के कहने पर पूरी घटना को उलटकर जनता के सामने झूठी रिपोर्ट पेश करती है, तो समर चौंक जाता है। वह सच्चाई को सामने लाने के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करता है, लेकिन चैनल के बॉस द्वारा उसे न केवल नौकरी से निकाल दिया जाता है, बल्कि कैमरा चोरी के आरोप में जेल भेज दिया जाता है।
  • समर का जीवन संघर्षों से भरा हो जाता है- नौकरी से वंचित, शराब की लत में डूबा, और समाज से दूर। इस बीच, नानावटी कमीशन की रिपोर्ट के बाद झूठी खबर का खुलासा होने का डर चैनल के अधिकारियों और मनिका को सता रहा होता है।
  • मनिका अपने चैनल की नयी रिपोर्टर अमृता (राशि खन्ना) को गोधरा भेजती है, ताकि वह अपनी रिपोर्ट को पुख्ता कर सके और राज्य सरकार पर दोष मढ़ सके।
  • अमृता को समर की रिपोर्ट का वीडियो मिलता है। इसके बाद वह समर को अपने साथ गोधरा ले जाने के लिए मनाती है। इस प्रकार, दोनों मिलकर गोधरा कांड की सच्चाई तक पहुंचते हैं और उन निर्दोष 59 लोगों के साथ हुई त्रासदी को दुनिया के सामने लाते हैं और सभी मृतकों का नाम जारी करते हैं।