PATNA (MR) : गोदान, गबन, ईदगाह, सेवासदन के बहाने संस्कृतिकर्मियों ने पटना में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद को याद किया। 31 जुलाई को प्रेमचंद जयंती के अवसर पर बुद्ध स्मृति पार्क के बाहरी हिस्से में शहर के साहित्यकारों व संस्कृतिकर्मियों ने नुक्कड़ पर गायन व कविता पाठ के साथ-साथ विभिन्न वक्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य के जरिए प्रेमचंद को याद किया।
कार्यक्रम की शुरुआत जन संस्कृति मंच द्वारा गीत गायन से हुई। इसके बाद इप्टा की टीम ने जनवादी गीत गायन किया। प्रगतिशील लेखक संघ के चंद्रबिंद सिंह ने प्रेमचंद के लेखन और उनके कहानियों, उपन्यासों व पात्रों की चर्चा करते हुए उनकी वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर ध्यान दिलाया। प्रेरणा की तरफ से सोनू ने गौहर रज़ा की कविता मणिपुर का पाठ किया।
इसके बाद युवा कवि, साहित्य प्रेमी और राजनीति के क्षेत्र में नेतृत्व करने वाले भाकपा-माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य कॉ. नवीन ने कहा कि प्रेमचंद आधुनिक भारतीय चेतना के निर्माता हैं। वह अपने समय में जो लिख रहे थे, आज भी प्रासंगिक है। आजादी के आंदोलन में उन्होंने अपनी नौकरी त्याग दी। वह प्रगतिशील विचारों के प्रतीक हैं और रहेंगे। आनेवाली कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
चर्चित संस्कृति कर्मी जेपी ने बताया कि किस तरह युवा पीढ़ी नाटक, कहानी, खेल से दूर हो रही है, जिसकी वजह से उनका भटकाव हो रहा है। कुविचारों का हमला इतना व्यापक है कि उनका बचना मुश्किल है, इसलिए इस दौर में युवाओं के लिए साहित्य, खेल और नाट्य कला से जुड़ना उनके वैचारिक और शारीरिक, सामाजिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कार्यक्रम मे जसम से जुड़े वरिष्ठ रंगकर्मी व गायक राजन ने गोरख पाण्डेय रचित गीत, जनता के आवे पलटनिया हिलेले झकझोर दुनिया को गाकर दर्शकों को मुग्ध कर दिया।
अंतिम वक्ता के बतौर भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य व किसान नेता कॉ. राजाराम सिंह ने कहा कि राजा पर तो बहुतेरे साहित्य इतिहास में रहे हैं, लेकिन प्रेमचंद ने जनता के लिए अपना लेखन समर्पित किया। उन्होंने कई उद्धरणों से यह साबित किया कि प्रेमचंद भारतीय समाज, परिवेश उसके भीतर की खूबियों व कमज़ोरियों को बखूबी न केवल पहचानते थे बल्कि अपनी भाषा के जरिए शानदार ढंग से संप्रेषित भी किया। आज भी रेलवे स्टेशन की व्हीलर्स दुकानों पर प्रेमचंद रचनाएं सहसा मिलती हैं। इस आयोजन के मुख्य आकर्षण पोस्टर प्रदर्शनी भी रही। कार्यक्रम का संचालन जन संस्कृति मंच के पुनीत ने किया। इस कार्यक्रम में जसम पटना से ग़ालिब, राजेश कमल, समता, प्रमोद यादव, काशी, राजन, शिल्पी, रविंद्र, अभिनव, रिया, रुनझुन, इप्टा से पियूष व टीम के सदस्य शामिल हुए।