शांतनु महाराज ने महानायकों-वीरांगनाओं की शौर्य गाथा सुनाकर बनारस के लोगों में भरा जोश

VARANASI (MR) : आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि महाराणा प्रताप न होते तो भारत का अस्तित्व ही समाप्तप्राय हो गया होता। वे न केवल वीर योद्धा थे, बल्कि राष्ट्र हित में समग्र समाज को साथ ले चलने की सोच रखने वाले दूरद्रष्टा, भविष्यदर्शी थे। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह का स्मरण कराते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने पूरे परिवार का बलिदान दे दिया, लेकिन मुगलों के सामने नहीं झुके। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के लिए जो उपयोगी होता है, वही सच्चा योगी होता है। शांतनु महाराज शिवपुर के मिनी स्टेडियम में क्षत्रिय धर्म संसद की ओर से आयोजित दो दिवसीय शौर्य कथा के दूसरे दिन 12 जनवरी को संबोधित कर रहे थे। इतना ही नहीं, स्वामी अतुलानंद रचना परिषद के सचिव सह सेवा भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राहुल सिंह ने महाराणा प्रताप, मीरा सांगा और मेवाड़ तथा जब भी देश पुकारेगा नामक तीन पुस्तकें शांतनु महाराज को भेंट की। उनके साथ समाजसेवी दृगविंदु मणि सिंह भी मौजूद रहे। वहीं राज्यसभा सांसद साधना सिंह तथा क्षत्रिय धर्म संसद काशी के अध्यक्ष रणविजय सिंह को महाराज ने तलवार भेंट की।

दूसरे दिन उन्होंने शौर्य कथा की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के शौर्य गाथा से की। कहा कि गुरु रामकृष्ण परमहंस की कृपा से स्वामी विवेकानंद जी को मां काली से कुछ मांगने का अवसर मिला तो उन्होंने मां से धन दौलत वैभव की जगह ज्ञान, भक्ति, वैराग्य मांगा, जिसके बल पर उन्होंने पूरे विश्व को जगाया। कथा में आचार्य शांतनु महाराज ने महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह, स्वामी विवेकानंद के अलावा भगवान श्रीराम, बंदा वीर बैरागी, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, बप्पा रावल, राणा कुम्भा, पृथ्वीराज चौहान, माता पन्ना धाय, शिवाजी महाराज, माता अहिल्या बाई होलकर, वीर कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पाण्डे, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, ठाकुर रोशन सिंह, राम प्रसाद सिंह बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, महानायक बिरसा मुंडा, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, महारानी पद्मावती, जौहर, साका आदि की भी गौरव गाथा को सुना कर लोगों को भाव विभोर कर दिया।

उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को अपनी भारतीय संस्कृति और पहचान पर गर्व करना होगा। जब तक बच्चे-बच्चे में यह भावना नहीं आएगी, तब तक हम गौरव हासिल नहीं कर पाएंगे। यह भावना बच्चों में स्कूल से ही आ जाए। उन्होंने कहा कि आपलोग भारत माता के प्रेरक अनुपम महानायकों, वीरांगनाओं से प्रेरणा लें। स्वयं एवं भावी पीढ़ियों को भारत माता की एकता अखंडता के प्रति संकल्पित करें। इस अवसर पर प्रसिद्ध नारायण सिंह, आशुतोष श्रीवास्तव मोनू, अंकुर प्रताप सिंह, इंजीनियर राम विजय सिंह, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह डीडी, डॉ. संजय सिंह गौतम, भरत सिंह, डॉ रमेश प्रताप सिंह, डॉ अंबिका सिंह, डॉ संजीव सिंह, आरपी सिंह, नीतेश कुमार सिंह, अनिल सिंह, गौरव जी, पवन सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में भंडारे का भी आयोजन किया गया।