PATNA (MR) : CPM के वरीय नेता व पदाधिकारी रहे रासबिहारी सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने देहदान कर सर्वोच्च बलिदान का इतिहास रच दिया। रविवार 15 दिसंबर को रासबिहारी सिंह ने 85 साल की उम्र में पटना के IGIMS में अंतिम सांस ली। और आज 16 दिसंबर को उनके पूर्व के इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर को परिजनों ने अस्पताल को सौंप दिया।
दिवंगत रासबिहारी सिंह ने वर्षों पहले अपने जीवनकाल में ही अपना देहदान कर दिया था। उनकी अंतिम इच्छा का उनकी पत्नी और बेटे ही नहीं, बल्कि परिवार के एक-एक सदस्य ने सम्मान किया। वरीय पत्रकार कुलभूषण गोपाल लिखते हैं कि देहदान कोई आसान निर्णय नहीं होता है। गप्पें मारना और इसकी वकालत करने वालों की कमी नहीं है। आज जब उनके शव को IGIMS के एनाटॉमी विभाग को सौंपा जा रहा था तो बेटी नीतू, बेटा विनय राजीव समेत CPM में उनके साथ काम करने वाले साथियों की आंखें नम थीं।
वे आगे लिखते हैं कि रासबिहारी सिंह के इस सर्वोच्च बलिदान पर वहां मौजूद तमाम लोगों में गर्व की अनुभति भी थी। उनका संपूर्ण जीवन गरीबों के लिए संघर्ष में बीता और निधन के बाद मानव जाति के लिए युवा डॉक्टरों को अपना शरीर सौंप कर उन्होंने जीवन में ही नहीं, जीवन के अंत को भी अमर कर दिया। वे आंदोलनों में भी काफी सक्रिय रहे थे। रासबिहारी दादा आपको कभी भुला नहीं जा सकता। आपको मेरा विनम्र श्रद्धांजलि और सलाम।।