TARAPUR / MUNGER (MR) : बिहार में इस बार अनियमित मानसून की वजह से राज्य सरकार की ओर से 11 जिलों के 96 प्रखंडों की 937 पंचायतों को सूखाग्रस्त घोषित किये गये हैं। इसी में मुंगेर जिला का तारापुर भी शामिल है। तारापुर की केवल नगर पंचायत को सूखाग्रस्त किये जाने से बाकी पंचायतों के किसानों के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों में भी काफी रोष है। शुक्रवार 21 अक्टूबर को हुई बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया।
दरअसल, तारापुर प्रखंड में पहले 12 पंचायतें थीं। बाद में यहां पर नगर पंचायत का गठन हुआ। इसके बाद यहां की दो पंचायतें नए परिसीमन में विलुप्त हो गयीं। अब यहां 10 पंचायतें रह गयी हैं। लेकिन उन पंचायतों को छोड़कर शहरी क्षेत्र के इलाकों को जोड़कर बनी केवल तारापुर नगर पंचायत को सुखाड़ घोषित किया गया है।
पंचायत समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया है कि सभी पंचायतों का आकलन सही से किया जाय। प्रखंड प्रमुख अश्विनी राज उर्फ पिंकू मेहता ने बैठक में जोर देकर कहा कि किस आधार पर नगर पंचायत को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि इस प्रखंड में गलत तरीके से नगर पंचायत का चयन किया गया है। बता दें कि पिंकू मेहता जिला प्रमुख संघ के भी अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि तारापुर में कृषि विभाग की ओर से गलत तरीके से रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी गयी है। इसकी फिर से समीक्षा करने की जरूरत है। साथ ही बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया है कि बाकी पंचायतों को भी सुखाड़ घोषित किया जाय। वहीं गलत तरीके से रिपोर्ट भेजने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की जाय। पंचायत समिति की बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, उपप्रमुख, अन्य पदाधिकारी सहित सभी मुखिया व समिति सदस्य मौजूद रहे।
गौरतलब है कि इसी माह 14 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में 96 प्रखंडों की 937 पंचायतों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। इन पंचायतों के 7841 राजस्व ग्रामों एवं इसके अंतर्गत आने वाले सभी गांव, टोले, बसावट इसमें शामिल हैं। सूखा प्रभावित इन बसावट, टोलों और गांवों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को सरकार ने 3500/- रुपये की विशेष सहायता देने का फैसला भी किया है।