पटना। बिहार में कोरोना संकट से निबटने को नीतीश सरकार पूरी तरह चौकस है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोज-रोज सरकार की ओर से किये जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी के तहत निर्णय लिया गया है कि अब प्रखंड-प्रखंड क्वारंटाइन कैंप बनाया जाएगा। वहीं इसे लेकर बिहार के मुखियाओं को बड़ी जिम्मेवारी दी गई है। नए निर्देश में उन्हें गांव में बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखनी है और उसकी रिपोर्ट देनी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने नयी गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी अब सशर्त बिहार आ सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार उचित व्यवस्था कर दी है। ऐसे में दूसरे राज्यों में फंसे छात्र-मजदूर व अन्य के काफी संख्या में बिहार लौटने की उम्मीद बढ़ गई है।
इसे देखते हुए प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन कैंप बनाए जाने का सरकार ने निर्णय लिया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। इतना ही नहीं, क्वारंटाइन कैंप पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जबकि वहां लोगों की देख-रेख के लिए प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षीय पदाधिकारी को प्रभारी बनाया जाएगा। क्वारंटाइन कैंप की बैरिकेडिंग की जाएगी। नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा, जो 24 घंटे काम करेगा। कैंप में नयी व्यवस्था के तहत विभागों की ओर से बिजली-पानी की व्यवस्था की जाएगी। सबों को निर्देश देने के लिए माइक भी लगाया जाएगा।
उधर कोरोना संकट को ले बिहार सरकार ने सभी मुखियाओं को बड़ी जिम्मेवारी सौ।पी है। वे गांव में दूसरे राज्यों से आने वाले एक-एक व्यक्ति की रिपोर्ट तैयार करेंगे और सरकार को भेजेंगे। निर्देश दिया गया है कि इसके लिए मुखिया एक रजिस्टर तैयार करेंगे। वे इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन बीडीओ व थाना प्रभारी को भेजेंगे। उस रिपोर्ट की मॉनिटरिंग कर उस पर कार्यवाही की जाएगी। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी डीएम व डीडीसी को पत्र लिखकर इस संदर्भ में 11 बिंदुओं पर जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। मीणा ने पत्र में कहा है कि प्रतिदिन की रिपोर्ट मुखिया वाट्सएप के जरिए थाना प्रभारी और बीडीओ को देंगे। वे इस काम में वार्ड सदस्य की मदद लेंगे। ग्राम पंचायत कर्मियों की भी सेवा लेने के निर्देश दिया गया है।