PATNA (MR) : बिहार में एक बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की किरकिरी हो गयी। प्रश्न पत्र लीक होने की वजह से शुक्रवार 19 फरवरी को पहली पाली में हुई सोशल साइंस की परीक्षा कैंसिल कर दी गयी। अब यह पेपर पूरी परीक्षा खत्म होने के बाद ली जाएगी। कैंसिल की गई परीक्षा अब आठ मार्च को ली जाएगी। उधर, पेपर लीक होने को लेकर सदन में शिक्षा मंत्री की फजीहत हो गयी। नेता प्रतिपक्ष ने निशाने पर लिया।
दरअसल, शुक्रवार को प्रथम पाली की परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट हो गया था, जिसकी बोर्ड द्वारा जांच कराई गई। जांच में मामला सही पाया गया। प्रश्न पत्र जमुई जिले के झाझा में स्टेट बैंक की ब्रांच से आउट किया गया था। इस मामले में बोर्ड अध्यक्ष के निर्देश पर तीन बैंककर्मियों विकास कुमार (संविदा पर कार्यरत), अजित कुमार और शशिकांत चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनसे पूछताछ भी की गयी है।
बिहार बोर्ड ने शुक्रवार को आयोजित मैट्रिक परीक्षा के सामाजिक विज्ञान (Social Science) विषय की पहली पाली की परीक्षा कैंसिल किए जाने की जानकारी बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी। उन्होंने बताया कि सामाजिक विज्ञान के प्रथम पाली में आठ लाख 46 हजार 504 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। अब इनकी परीक्षा आठ मार्च को दोबारा ली जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र लीक मामले की पूरी जांच की गई है। जांच में पता चला कि सामाजिक विज्ञान की प्रथम पाली की परीक्षा के क्रम में 111-0470581 क्रमांक का प्रश्न पत्र जमुई जिले में किसी अन्य व्यक्ति के वॉट्सऐप पर भेजा गया। पेपर लीक जमुई जिले के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच, झाझा से हुआ था। सुबह परीक्षा शुरू होने के पूर्व बैंक से प्रश्न पत्र को निकाले जाने और इसका फोटो खींचकर वॉट्सऐप पर भेजे जाने का मामला सामने आया है।
दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पेपर लीक मामले को विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री पर सीधा हमला किया। मंत्री विजय चौधरी के इनकार करने पर तेजस्वी ने कहा कि पेपर लीक की जानकारी विरोधी को है, लेकिन शिक्षा मंत्री अंजान हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर को कड़े निर्देश दिये। जांच के बाद देर रात पेपर कैंसिल का निर्णय लिया गया।