बिहार में 43 वर्षों के बाद जुटेंगे पीठासीन पदाधिकारी, सम्मेलन को यादगार बनाने में जुटे नंदकिशोर यादव; जानें तारीख के साथ तैयारी भी

PATNA (RAJESH THAKUR) : बिहार विधानसभा में पीठासीन पदाधिकारियों का बहुत बड़ा सम्मलेन होने जा रहा है। यह दो दिवसीय सम्मलेन 20 और 21 जनवरी को होगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे, जबकि इसके समापन समारोह का उद्घाटन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान करेंगे। इस सम्मलेन को यादगार बनाने में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव जी-जान से जुटे हुए हैं और इसमें उन्हें विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसके लिए एक-एक बिंदु पर ध्यान दिया जा रहा है। विधानसभा और विधान परिषद को संवारे जाने से लेकर सम्मलेन में शामिल होने वाले अतिथियों के स्वागत-सत्कार की तैयारी की काफी बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं, साथ ही दोनों सदनों में चल रही तैयारी का निरीक्षण भी कर रहे हैं और आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं।

बिहार में हो रहा है तीसरी बार : इस बाबत बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सोमवार 13 जनवरी को विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह और विथानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सम्मेलन की तैयारी की जानकारी दी। उन्होंने विधानसभा वाचनालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि संसदीय प्रणाली में इसे ‘अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों का सम्मेलन’ कहा जाता है। इस बार यह 85वां सम्मेलन है और बिहार में यह तीसरी बार हो रहा है। इसके पहले 1964 और 1982 में यह सम्मेलन बिहार में हुआ था। वहीं 84वां सम्मेलन मुंबई में हुआ था। इसकी शुरुआत 1921 में हुई थी। पहला सम्मेलन शिमला में हुआ था। 85 वें सम्मेलन में 264 अतिथि शामिल होंगे। इनमें से 54 पीठासीन अधिकारी हैं, जिनमें 6 महिलाएं शामिल रहेंगी। केवल दिल्ली और गोवा का प्रतिनिधित्व नहीं होगा। दिल्ली में चुनाव चल रहा है, जबकि गोवा में उनका अपना कुछ कार्यक्रम है। उन्होंने बताया लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला इस सम्मेलन के पदेन सभापति होंगे। साथ ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी भी शामिल होंगे। इनके अलावा लोकसभा के 60 और राज्यसभा के 7 अधिकारी भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

बिहार के लिए यह गौरव की बात : उन्होंने बताया कि देश संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इसलिए इस सम्मेलन का विषय ‘संविधान की 75 वीं वर्षगांठ : संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाये रखने में संसद एवं राज्य विधान मंडलों का योगदान’ तय किया गया है। उन्होंने बताया कि बिहार में इस तरह का आयोजन होना हमलोगों के लिए गौरव की बात है। सम्मेलन के माध्यम से पूरे देश व विदेश में बिहार के एतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है। इसी तरह पर्यटकीय विरासत को भी प्रदर्शित करना है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है कि सब एक-दूसरे से जुड़ें। उनके विचारों से अवगत हों। विमर्श के माध्यम से कार्यों में समानता आए।

प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे : अध्यक्ष ने बताया कि प्रारंभिक सत्र सेंट्रल हॉल में होगा और विमर्श सत्र सभा वेश्म में होगा। मुख्य भवन और विस्तारित भवन के बीच में जो स्थान है, वहां लोकसभा की ओर से प्रदर्शनी लगायी जायेगी। इसमें संसदीय प्रणाली, अब तक के आयोजन एवं सभी राज्यों के विधानसभा, विधान परिषद के चित्र, वहां के पीठासीन अधिकारी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्र रहेगा। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा अतिथि पटना के कुछ पर्यटन केंद्रों का भी भ्रमण करेंगे। वे बिहार को ज्यादा से ज्यादा जानें, यह भी उद्देश्य है। पूरे देश और विश्व की पटल पर बिहार की अच्छी छवि बने।