PATNA (SMR) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दो साल हो गए। 17 वीं विधानसभा में 243 में से करीब 100 विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। उनमें से कुछ विधायकों से बिहार पॉलिटिक्स पर पैनी नजर बनाए रखने वाले वीरेंद्र यादव ने बात की है। उनके दो वर्ष के अनुभव और अनुभूति को नजदीक से जाना। यहां हम उनके सौजन्य से ‘सियासी गलियारे से’ की सीरीज में प्रकाशित कर रहे हैं… पेश है 15 वीं कड़ी :
मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट से राजद के विधायक हैं निरंजन राय। 20 वर्षों से सक्रिय राजनीति में रहे हैं। अब जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पहली बार विधायक बने हैं। वे कहते हैं कि विधायक बनने के बाद महसूस हुआ कि वर्षों का संघर्ष सफल हुआ। जनता ने भरोसा करके अपना प्रतिनिधि चुना है और उनकी उम्मीद पर खरा उतरने का प्रयास कर रहे हैं।
विधायी प्रक्रिया के संबंध में उन्होंने कहा कि पहले विपक्ष में थे और अब सत्ता पक्ष में हैं। इसके वाबजूद जनसरोकार से रिश्ता बना हुआ है। जनता की समस्याओं को सदन में उठाते हैं और उसके समाधान का प्रयास करते हैं। विधायक के रूप में सदन में अनेक सवालों को उठाने का मौका मिला और इस ओर सरकार का ध्यान भी जाता है। इससे काम में तेजी भी आती है।
निरंजन राय ने कहा कि उनका निर्वाचन क्षेत्र बागमती और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से प्रभावित रहा है। इससे हर वर्ष जान-माल की क्षति होती है। इस समस्या के स्थायी निदान के लिए भी सदन में मांग उठायी है।
उन्होंने कहा कि जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व को निभाने का मौका मिला है। उसका इस्तेमाल हरसंभव जनता के हित में कर रहे हैं। जनता और सरकार के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका भी विधायक को निभानी पड़ती है। हमारी यही कोशिश है कि सर्वोच्च संस्था के माध्यम से जनता का अधिकाधिक हित पूरा हो सके।