MUNGER (MR) : बिहार में एक बार फिर पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी वारदात हो गयी है। गुरुवार की रात (23 दिसंबर) मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड में अजीमगंज पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया की गला रेत कर हत्या कर दी गयी है। मृतक की पहचान 30 वर्षीय परमानंद टुड्डू के रूप में की गयी है। कहा जा रहा है कि नक्सलियों ने धारदार हथियार से घटना को अंजाम दिया है। शुक्रवार को मुखिया का शपथ ग्रहण होने वाला था। इसके चंद घंटे पहले मुखिया की हत्या कर दी गयी।
धरहरा प्रखंड के नवनिर्वाचित मुखिया परमानंद टुड्डू की हत्या से इलाके में सनसनी मच गयी है। पुलिस के अनुसार लैड़ैयाटांड स्थित घर में घुस कर नक्सलियों ने वारदात को अंजाम दिया है। इसकी जानकारी मिलते ही एसटीएफ, मुंगेर जिला पुलिस समेत लखीसराय जिले की पुलिस भी पहुंच गयी। पुलिस ने देर रात शव को बरामद कर लिया है। घटना को लेकर इलाके में तनाव व्याप्त है। इसे देखते हुए पुलिस रात में ही एसटीएफ के साथ जंगल और पहाड़ी इलाकों में सर्च अभियान चलाया।
पुलिस ने हत्या के पीछे नक्सली अर्जुन कोड़ा का हाथ बताया है। पुलिस के अनुसार, गुरुवार रात लगभग 8 बजे परमानंद टुड्डू मथुरा गांव में अपने घर में था। इस बीच कुछ लोग आए और उन पर हमला कर दिया। मुखिया की मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों ने घटना की सूचना लड़ैयाटांड पुलिस को दी। सूचना के लगभग ढाई घंटे बाद एसटीएफ के पहुंचने पर थाने की पुलिस पहुंची।
बताया जाता है कि मृतक मुखिया परमानंद को दो पुत्र और एक पुत्री है। मुखिया का पिता जमालपुर रेल कारखाना में कार्यरत हैं, जबकि भाई आर्मी में हैं। पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गयी है। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। खास बात कि शुक्रवार 24 दिसंबर को शपथ होनी थी।
परिजनों के अनुसार, शपथ ग्रहण को लेकर परमानंद गुरुवार को दिनभर तैयारी में लगे रहे। इसे लेकर वह काफी उत्साहित थे। समारोह को लेकर उन्होंने शाम में अपने दोस्तों संग बात भी की थी। लेकिन शपथ समारोह से पहले ही नक्सलियों ने नवनिर्वाचित मुखिया काे रास्ते से हटा दिया। लड़ैयाटांड के थानाध्यक्ष नीरज ठाकुर के अनुसार, अजीमगंज के नवनिर्वाचित मुखिया परमानंद टुड्डू की हत्या गला रेतकर की गई है। हत्या के पीछे नक्सलियों का हाथ होने की आशंका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, परमानंद टुड्डू 2016 के पंचायत चुनाव में भी खड़ा हुआ था, लेकिन हार गया था। इस बार उसे सफलता मिली थी। इस बार वह खड़ा नहीं होना चाहते थे, लेकिन गांव और पंचायत वालों के कहने पर उम्मीदवार बने थे। परमानंद ने योगेंद्र कोड़ा को 99 वोट से हराया था। पुलिस के अनुसार, पुराने मुखिया योगेंद्र कोड़ा का नक्सलियों के साथ सांठ-गांठ की बात सामने आई थी। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। बहरहाल, इलाके में तनाव से इनकार नहीं किया जा सकता है। स्थानीय लोग दहशत में है। बता दें कि बिहार में नवनिर्वाचित मुखिया की यह पांचवीं हत्या है।