PATNA (MR)। बिहार में राशन कार्ड बनाना और भी आसान हो गया है। इतना ही नहीं, राशन कार्ड के आवेदनों को अब अफसर जैसे-तैसे निपटाने या खारिज नहीं कर सकेंगे। इसके बलए अफसरों को जवाब देना होगा। राशन कार्ड का यह मामला लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के दायरे में आ गया है। बिहार कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है।

कैबिनेट के इस फैसले के बाद राज्यपाल फागू चौहान ने भी बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार (संशोधन) अध्यादेश 2020 को अपनी हरी झंडी दे दी। अब लोक सेवाओं के अधिकार कानून (आरटीपीएस) के तहत राशन कार्ड नहीं बनने या आवेदन खारिज किए जाने पर आवेदक इसके खिलाफ अपील कर सकेंगे।

आइपीआरडी सचिव अनुपम कुमार के अनुसार, अभी तक राशन कार्ड का मामला आरटीपीएस के दायरे में नहीं था, इसलिए इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता था। इससे लाभुकों को भटकना पड़ता था। इसके आरटीपीएस के दायरे में आने के बाद अब राशन कार्ड के अप्लीकेशन को रिजेक्ट करने या स्वीकृति में टालमटोल करने वाले अफसरों को जवाब देना होगा। अफसरों को आवेदन रद्द होने पर उसका कारण बताना होगा।

इतना ही नहीं, नए नियम के तहत राशन कार्ड को 30 दिनों की बजाय 9 दिनों के भीतर बनाने का प्रावधान बनाया गया है। इसमें एक नियम और जोड़ा गया है। पहले आवेदन रिजेक्ट होने पर एसडीओ से ऊपर के अधिकारी के पास अपील की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब लोक शिकायत निवारण अधिकारी के पास इसकी अपील की जा सकती है। सुनवाई के दौरान लोक शिकायत निवारण अधिकारी आवेदक और उसके आवेदन को रद्द करने वाले अधिकारी को बुलाकर आमने-सामने बैठाएंगे। अधिकारी को कैंसिल या रिजेक्ट करने का कारण बताना होगा।

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