PATNA (MR) : देश के ख्यातिलब्ध गजलगो पंकज उधास की अपने जमाने में एक गजल आयी थी- ‘हुई महंगी बहुत शराब कि थोड़ी-थोड़ी पीया करो, पीयो लेकिन रक्खो हिसाब कि थोड़ी-थोड़ी पीया करो।’ लेकिन, यहां तो मामला ही उलट है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शराब पर अजीबो-गरीब बयान दे दिया है। उन्होंने लोगों को थोड़ी-थोड़ी
दरअसल, हम पार्टी किनजीतनराम मांझी बुधवार (15 दिसंबर) को बगहा में थे। उन्होंने पिया हाई स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि DM-SP से लेकर विधायक और मंत्री तक शराब पीते हैं। उन्हें तो कोई गिरफ्तार नहीं करता।
मांझी ने यह भी कहा कि दवा के रूप में थोड़ी-थोड़ी शराब लेना गलत नहीं है। उन्होंने लोगों को सलाह भी दे दी कि आप लोग भी उन बड़े लोगों की तरह अपने घरों में रात को शराब पिएं, किसी को पता नहीं चलेगा। आप लोग शराब पीकर रोड पर निकलते हैं तो आप की गिरफ्तारी होती है। बताया जाता है कि जिस समय मांझी लोगों को ये सलाह दे रहे थे, उस समय मंच पर उनका बेटा लघु जल संसाधन तथा अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन भी मौजूद थे।
उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा- ‘जब मैं छोटा था तो मेरे घर भी शराब बनती थी। मेरी मां और पिताजी शराब बनाते थे। लेकिन, जब मैं पढ़ लिख लिया तो शराब बनाने का काम बंद करा दिया। हमारी सभ्यता में ही शराब है, इसे हटाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने अपने लंबे भाषण में कहा कि सूबे में बड़े-बड़े अफसरों के साथ-साथ एमपी, एमएलए, ठेकेदार रात 10 बजे के बाद शराब का सेवन करते हैं। जबकि, शराबबंदी कानून की आड़ में गरीबों-दलितों को जेल में डाला जा रहा है, यह गलत है। आधा और एक बोतल शराब का सेवन करने पर जेल भेजा जा रहा है, जो कि सही नहीं है। मेडिकल साइंस भी कहता है कि एक लिमिट में शराब लेना लाभदायक होता है।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां देवी-देवताओं को भी शराब चढ़ाई जाती है। हमारे समाज में देवी-देवताओं को शराब चढ़ाने का रिवाज भी है। सूअर की जब बलि दी जाती है तो इसके पहले उसे शराब पिलाई जाती है। दिनभर मेहनत-मजदूरी करने के बाद कोई मजदूर 50 से 100 रुपये की शराब खरीद कर पी लेता है तो पुलिस उसको पकड़ कर जेल भेज देती है। जबकि, बड़े-बड़े लोग भी शराब पीते हैं, लेकिन उनका कुछ नहीं होता है।