बच्चों को भा रहा दूरदर्शन, चाहे बात पढ़ाई की हो या रामायण-महाभारत की लड़ाई की

पटना (एडमिन)। पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। बिहार में तो दो दिन पहले यानी 23 मार्च से लॉकडाउन लागू है। लोगों को घरों के अंदर ही रहना है, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैले। बड़े तो बात को समझ रहे हैं, लेकिन असली परेशानी बच्चों को हो रही है। ऐसे में दूरदर्शन जहां पुराने सीरियल लाये हैं, वहीं पढ़ाई की क्षतिपूर्ति करने के लिए कक्षा 6 से 12वीं तक की पाठशाला भी लग रही है। हालांकि अब तो रामायण खत्म हो गई और यह सीरियल अब दूसरे चैनल पर शुरू हुआ है। वहीं महाभारत जारी है। रामायण की जगह पर दूरदर्शन पर श्री कृष्ण शुरू हुआ है। लेकिन यही सच है कि बच्चों को दूरदर्शन भाने लगा है। उस पर चल रही पढ़ाई हो अथवा रामायण-महाभारत की लड़ाई हो। घड़ी की सूई निर्धारित समय पर पहुंचते ही बच्चे टीवी से चिपक जाते हैं।

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दूरदर्शन पर पाठशाला लगायी गयी है। ‘मेरा दूरदर्शन, मेरा विद्यालय’ कार्यक्रम के तहत कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। ट्रायल के रूप में 20 अप्रैल से ही 9वीं और 10वीं के बच्चों के लिए क्लास शुरू की गई थी। इसकी जबर्दस्त डिमांड को देखते हुए कक्षा 6ठी से 8वीं तथा 11वीं और 12वीं के बच्चों के लिए भी स्लॉट बुक कर लिया। चार मई से आनलाइन पढ़ाई शुरू भी हो गयी।

दूरदर्शन पर कक्षा 6ठी के बच्चे पहली बार आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। आनलाइन पढ़ाई के प्रति उनका उत्साह देखते ही बन रहा है। वे शिक्षकों के हर सवाल को गौर से सुनते हैं और अपनी कॉपी में नोट भी करते हैं। 4 मई को सामाजिक विज्ञान से जुड़े विषयों के बारे में जानकारी दी गई। इससे बच्चे ही नहीं, उनके अभिभावक भी काफी खुश हैं। बच्चों में पढ़ाई की ललक को देखकर वे प्रफुल्लित हैं। कुछ बच्चों का कहना है कि पहले तो उन्हें लग रहा था कि आनलाइन में किस तरह पढ़ाया जाएगा। वे ठीक से समझ पाएंगे या नहीं, लेकिन सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं। बच्चों को लग रहा था कि वे स्कूल में ही बैठे हुए हैं। हां, यहां शिक्षक की छड़ी का डर नहीं था।

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