किसानों को जल्द मिलेगा अनुदान, सीएम नीतीश ने चेताया- जन वितरण प्रणाली में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं

पटना। बिहार में जन वितरण प्रणाली की दुकानों के खिलाफ मिल रही शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गंभीर हैं। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि अधिकारी ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें। किसी भी हाल में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा नीतीश ने आंधी-पानी व ओला​वृष्टि से हुई हानि की क्षतिपूर्ति तुरंत करने का आदेश दिया। कहा कि किसानों को हुई क्षति की भरपाई में मिलने वाले कृषि इनपुट अनुदान का भुगतान 10 दिनों के अंदर किया जाए। उन्होंने मंगलवार को कृषि, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा सहकारिता विभाग के साथ समीक्षा बैठक की।उन्होंने किसानों से अपील की कि वे फसल अवशेष को न जलाएं। साथ ही खेती में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि राशन कार्ड के लंबित, त्रुटिपूर्ण व अस्वीकृत वैसे आवेदन जो जांच के बाद सही पाए गए हैैं, उनके खाते में भी जल्द एक हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की जाए। इसमें बेवजह विलंब नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड के निर्गत को लेकर भ्रम में न रहें। उन्होंने कहा कि परिवारों में बंटवारा होता रहता है। ऐसे में कार्ड धारकों की संख्या भी बढ़ेगी। जिन लोगों के नाम एक से ज्यादा राशन कार्ड में हैैं, उनके नाम एक ही स्थान से हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पॉश मशीन पर जिन कार्डधारक के अंगूठे का निशान नहीं लग रहा हो तो उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। लेकिन जनवितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी भी हाल में गड़बड़ी नहीं हो। गड़बड़ी पाए जाने पर दुकानदार से लेकर अधिकारी तक पर कार्रवाई होगी।

उधर, किसानों को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी राहत देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन किसानों को मार्च माह आंधी-तूफान व ओलावृष्टि से फसल की क्षति हुई है, उन्हें 10 दिनों के अंदर हर हाल में कृषि इनपुट अनुदान की राशि का भुगतान किया जाए। 15 मई तक उनके खाते में अनुदान की राशि भेज दी जाए। इसी तरह, अप्रैल माह में इस प्राकृतिक अपादा से फसल को हुई क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान का भुगतान इस माह के अंत तक कर दिया जाए। उन किसानों के खाते में 31 मई तक में कृषि इनपुट अनुुदान की राशि भेज दी जाए। उन्होंने कहा कि रबी फसल के साथ-साथ मक्का तथा पान की खेती की भी क्षति का आकलन किया जाए।

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