PATNA (MR)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का दिया निर्देश। उन्होंने कहा, कृषि कार्य हेतु किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध कराएं। इस कार्य के लिए उन्हें 12 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। जल संसाधन विभाग नहरों के अंतिम छोर तक कृषि कार्य हेतु पानी पहुंचाना सुनिश्चित करे और लगातार इसकी मॉनीटरिंग करे। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सप्ताह में होनेवाली बैठक नियमित रूप से हो और हर स्थिति पर नजर बनाए रखें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और उपरोक्त निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को भारत मौसम विज्ञान के प्रतिनिधि ने राज्य में वर्षापात की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष जून माह में 85 मिलीमीटर वर्षापात दर्ज किया गया, जो सामान्य वर्षापात 163.3 मिलीमीटर से 48 प्रतिशत कम है। 1 जुलाई से 21 जुलाई की अवधि में 152.30 मिलीमीटर वर्षापात दर्ज किया गया, जो इस अवधि के लिए निर्धारित सामान्य वर्षापात 242.4 मिलीमीटर से 47 प्रतिशत कम है। 1 जून से 21 जुलाई तक की अवधि में 238.3 मिलीमीटर वर्षापात दर्ज किया गया जो सामान्य वर्षापात 405.7 मिलीमीटर से 41 प्रतिशत कम है। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई से 27 जुलाई के बीच हल्की बारिश की संभावना है।
बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि अब तक चार जिले- बक्सर, किशनगंज, भागलपुर एवं अररिया में सामान्य वर्षापात (-19 से + 19 प्रतिशत तक विचलन) हुई है, जबकि 26 जिले- सीवान, सुपौल, रोहतास, अरवल, कटिहार, भोजपुर, औरंगाबाद, बांका, लखीसराय, भभुआ, मधुबनी, गया, जमुई, दरभंगा, शेखपुरा, वैशाली, मधेपुरा, पूर्णिया, नवादा, जहानाबाद, खगड़िया, मुंगेर, पटना, नालंदा, गोपालगंज एवं मुजफ्फरपुर में सामान्य से कम वर्षा ( -20 से – 59 प्रतिशत तक विचलन) हुई है, जबकि राज्य के 8 जिले- समस्तीपुर, सहरसा, सारण, बेगूसराय, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर एवं सीतामढ़ी में अल्प वर्षापात ( 60 से – 99 प्रतिशत तक विचलन) की स्थिति रही है। उन्होंने जिलावार वर्षापात के विचलन की स्थिति, धान के बिचड़े का आच्छादन, धान की रोपनी का आच्छादन और मक्के की बुआई की स्थिति की जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें कृषि कार्य में सहूलियत हो। संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। राज्य के 75 प्रतिशत लोगों की आजीविका का आधार कृषि है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कृषि कार्य हेतु किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध कराएं। साथ ही कृषि कार्य हेतु 12 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। जल संसाधन विभाग नहरों के अंतिम छोर तक कृषि कार्य हेतु पानी पहुंचाना सुनिश्चित करे और लगातार इसकी मॉनीटरिंग करे। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सप्ताह में होनेवाली बैठक नियमित रूप से हो और हर स्थिति पर नजर बनाए रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के क्रियान्वयन की सतत निगरानी करते रहें। लोगों के लिए पेयजल की उपलब्धता हमेशा रहे, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी संबद्ध विभाग पूरी तरह अलर्ट रहें। धानरोपनी समय पर हो जाए, इसके लिए जल संसाधन विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग सिंचाई हेतु आवश्यक प्रबंध करे। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भी स्थिति पर नजर बनाये रखे।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पथ, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं भारत मौसम विज्ञान के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।