PATNA (MR) : बिहार में भी अब मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद को भी सीधे जनता चुनेगी। इन पदों का भी चुनाव अब जनता के वोट से होगा। बिहार सरकार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन का अध्यादेश लाकर प्रत्यक्ष चुनाव का नियम लागू कर दिया है।
बिहार में हर शहर की सरकार का प्रमुख व उप प्रमुख वहां के नगर निकाय की सीमा में रहने वाले मतदाताओं के वोट से निर्वाचित होंगे। राज्य के सभी 19 नगर निगमों के मेयर-डिप्टी मेयर तथा 89 परिषदों और 155 नगर पंचायतों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए इस प्रणाली को लागू किया गया है।
उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि नगरपालिका संशोधन अध्यादेश 2022 जारी हो गया है। सरकार ने इस का गजट भी प्रकाशित कर दिया है। अब शहरी निकायों में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जनता करेगी। बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश के लागू हो जाने से शहरी विकास के कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
बिहार सरकार ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 अधिसूचित कर नगर निकायों में मेयर-डिप्टी या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की नई प्रणाली लागू की है। बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 की गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही नगर निकायों में मेयर-डिप्टी या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की पुरानी प्रणाली समाप्त हो गई है।
गौरतलब है कि अभी तक नगर निकायों में मेयर-डिप्टी वार्ड पार्षदों के बीच से ही चुने जाते थे। वार्ड पार्षदों के बहुमत से ही उन्हें हटाए जाने की व्यवस्था थी। आगे इन पदों पर बैठे व्यक्ति की मृत्यु, पदत्याग या बर्खास्तगी की स्थिति में बची हुई अवधि के लिए जनता के बीच से निर्वाचित व्यक्ति ही इन पदों को ग्रहण करेंगे।
वार्ड पार्षद महापौर-उपमहापौर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें बहुमत के आधार पर पद से हटा भी नहीं सकेंगे। राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 को बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक के रूप में पेश करेगी। जो पारित होने के बाद बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम-2022 जाएगा।
नगर निकायों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन जनता के प्रत्यक्ष निर्वाचन की रीति से कराने के लिए बिहार नगरपालिक अधिनियम-2007 की धारा 23 और धारा 25 में संशोधन किया गया है। दोनों धाराओं में मेयर-डिप्टी या अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के पदनाम से सूचित किया गया है।
धारा 23 की तीन उपधाराओं के माध्यम से मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद के आम निर्वाचन और वैकल्पिक परिस्थितियों में निर्वाचन की व्यवस्था दी गई है। इसी तरह, धारा 25 की तीन उपधाराओं में संशोधन के माध्यम से दोनों पदों से बर्खास्तगी या पदत्याग की व्यवस्था दी गई है। राज्य में सभी 263 नगर निकायों के चुनाव अप्रैल से जून के बीच प्रस्तावित हैं। इसकी प्रक्रिया फरवरी से शुरू कर देनी होगी।
बदली हुई प्रणाली के मुताबिक निर्वाचन नियमावली में भी बदलाव लाना होगा। तभी राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव पूर्व प्रक्रिया को पूरा कर पाएगा। ज्ञात हो कि प्रदेश में पटना, मुजफ्फऱपुर, भागलपुर, गया, बिहारशऱीफ, आरा, छपरा, पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया और सीवान नगर निगमों में शामिल हैं। बाकी शहरों में नगर परिषद या नगर पंचायत हैं।