ओबीसी-बहुजन समेत सर्वसमाज विरोधी है बिहार की जदयू-राजद सरकार : बसपा

PATNA (MR) : पिछड़े-अति पिछड़े और वंचितों को उचित राजनीतिक और आर्थिक हिस्सेदारी के साथ आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर आज शुक्रवार को पटना के बापू सभागार में बहुजन समाज पार्टी का एक दिवसीय ‘पिछड़ा-अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बहुजन समाज पार्टी के मुख्य केंद्रीय प्रभारी आकाश आनंद ने बिहार के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। इस अवसर पर पार्टी के  राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, राष्ट्रीय प्रदेश प्रभारी लाल जी मेघांकर, एडवोकेट सुरेश राव और बिहार प्रभारी अनिल कुमार मौजूद रहे।

आकाश आनंद ने कहा, बिहार में पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज 33 साल पहले की तरह हाशिये पर है, जबकि विगत 33 सालों से यहां शासन की कमान पिछड़ों के हाथ में है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। प्रदेश की जदयू-राजद वाली महागठबंधन सरकार ओबीसी- बहुजन समेत सर्व समाज विरोधी है और हमें इसे बदलना होगा। उन्होंने कहा कि आज मैं बहन मायावती का संदेश लेकर बिहार की पावन भूमि पर आया हूँ। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि आज मुझे मंडल मसीहा सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की धरती पर संवाद का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा, बिहार में ओबीसी व पिछड़ा-अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज आज भी अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार के सवाल पर बुरी स्थिति में है, जबकि सरकार पिछड़ों का है। यहाँ से पलायन जारी है। छात्र-नौजवान दूसरे प्रदेशों में शिक्षा ग्रहण कर आजीविका चला रहे हैं। बिहार की जनता ने 33 सालों में दोनों तरह की सरकारें देखी, लेकिन उनके हाथ आज भी मायूसी है। 17 % दलित और 36 % अतिपिछड़ा लोग बिहार में रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को बदलने के लिए बाबा साहब के संविधान और बहन मायावती के विजन को अपनाना होगा, जो उन्होंने उत्तर प्रदेश में किया। उनके ही विजन से बहुजन समाज की स्थिति में बदलाव आया।

बिहार के राष्ट्रीय प्रदेश प्रभारी लाल जी मेघांकर ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में धारा 340 का निर्माण कर पिछड़े, अतिपिछड़े समाज को आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कांशीराम ने बसपा के निर्माण कर 14 अप्रैल, 1984 से ही पिछड़ों के हक अधिकार के लिए 1990 तक अनवरत संघर्ष कर हजारों कार्यक्रम किए। बिहार प्रदेश में सत्ताधारी पार्टियों ने पिछड़े, अतिपिछड़े समाज के हक-अधिकार को कुचलने का लगातार प्रयास किया है। उन्हें हर स्तर पर कुचलने का कोशिश की गयी है।

बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बहन मायावती को मजबूत करने के लिए बिहार से अधिक से अधिक सीट जीतने हेतु पार्टी के तमाम नेता व कार्यकर्ता संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम ने नारा दिया था ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’। भारत में मंडल आयोग तो लागू हुआ, लेकिन 52% पिछड़े अति पिछड़ों को मात्र 27% ही आरक्षण प्राप्त हुआ। बसपा ने पिछड़े समाज में जन्मे ज्योतिबा राय फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, पेरियार रामास्वामी नायकर इत्यादि महापुरुषों के आदर्श पर चलकर उत्तर प्रदेश में बहन मायावती ने अपने शासनकाल में पिछले अतिपिछड़े को शत-प्रतिशत राजनीतिक हिस्सेदारी देने का सफल प्रयास किया, लेकिन संपूर्ण भारत में पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज अपने अधिकारों से आज भी वंचित है।

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