लाइव सिटीज, पटना : बिहार के जल-जीवन-हरियाली को लेकर पिछले साल बनाई गई मानव श्रृंखला में अपना बिहार टॉप कर गया है. यह मानव श्रृंखला 19 जनवरी 2020 को बनाई गई थी. उस समय कोरोना संकट नहीं था, वरना यह रिकॉर्ड आज चूक जाता. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने 19 जनवरी 2020 को बिहार में ‘जल-जीवन-हरियाली’ पर बनाई गई राज्यव्यापी मानव श्रृंखला को वर्ल्ड का ‘लार्जेस्ट ह्यूमेन चेन’ माना है. बता दें कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का प्रकाशन डायमंड पॉकेट बुक्स की ओर से किया जाता है. इसके प्रधान संपादक विश्वरूप राय चौधरी हैं.
शिक्षा विभाग को दी गई है जानकारी
बिहार को इस उपलब्धि के लिए ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2021’ ने अपनी किताब में जगह दी है. शिक्षा विभाग को बाजाप्ता इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर यह जानकारी साझा की गई है. रिकॉर्ड बुक की कुछ प्रतियां भी बिहार के शिक्षा विभाग को भेजी गयी हैं. बता दें कि राज्यव्यापी मानव श्रृंखला का संयोजन शिक्षा विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा ने किया था.
पेज पर 149 पर मिली है जगह
डायमंड पॉकेट बुक्स की ओर से प्रकाशित इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पेज नंबर 149 पर बिहार की इस उपलब्धि को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है. इसे ‘लार्जेस्ट ह्यूमेन चेन’ हेडिंग से प्रकाशित किया गया है. इसमें मानव श्रृंखला की तीन तस्वीरें भी प्रकाशित की गई हैं. श्रृंखला की इस तस्वीर में महिलाएं, विभिन्न आयु वर्ग के पुरुष और अल्पसंख्यक समाज की स्कूली छात्राएं विभिन्न परिधानों में सज-धज कर ‘जल-जीवन-हरियाली’ को संरक्षित रखने के लिए एक-दूसरे का हाथ थाम कर अपना संकल्प जता रही हैं.
18034 किमी लंबी बनी थी मानव श्रृंखला
गौरतलब है कि बिहार में राजधानी पटना समेत तमाम जिलों में 19 जनवरी 2020 को शिक्षा विभाग के नेतृत्व में मानव श्रृंखला बनाई गई थी. यह श्रृंखला 18 हजार 34 किमी लंबी थी तथा इसमें 5 करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग शामिल हुए थे. खास बात कि इंडिया बुक ने बिहार के इस रिकॉर्ड पर अपनी मुहर फरवरी 2020 को ही लगा दी थी, लेकिन यह बुक अब जाकर प्रकाशित हुई है. इसके पहले वर्ष 2017 में बिहार में नशामुक्ति के पक्ष में 12760 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनी थी. इसमें 4 करोड़ लोग शामिल हुए थे. 2018 में दहेज व बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ 14080 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनी थी. इसमें 3.80 करोड़ लोग शामिल हुए थे.