PATNA (APP) : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को बड़ा झटका लगा है। उनके काफी करीबी नेता व वर्तमान जिला पार्षद मनीष शुक्ला ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बुधवार 14 जून को इसकी घोषणा की और भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की बात कही। उन्होंने करीब तीन दशक से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा एवं जिला भाजपा के कई महत्वपूर्ण पदों पर पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य किया।
हाजीपुर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मनीष शुक्ला ने कहा कि पार्टी ने मुझे विभिन्न पदों पर कार्य करने का मौका दिया। इसके लिए मैं पार्टी का आभारी हूं। पिछले कई वर्षों से भाजपा वैशाली वन मैन शो वाली पार्टी हो गई है। पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सुनियोजित तरीके से बैठकों में नहीं बुलाना, कार्यक्रमों की सूचना नहीं देना इस बात का परिचायक है। खास करके पिछले दो चुनावों में पार्टी संगठन की भूमिका बहुत ही संदेहास्पद रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे इस्तीफा देते हुए इस बात का कष्ट है कि प्रदेश नेतृत्व वैशाली जिले के संगठन के मामले में आज तक कोई सुध ही नहीं लिया। ऐसी स्थिति सिर्फ मेरी ही नहीं है, बल्कि पार्टी में सैकड़ों निष्ठावान कार्यकर्ता आज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। वे घुटन की स्थिति में हैं।
मनीष शुक्ला ने कहा कि मैं तो अपनी अंतरात्मा की आवाज और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहा हूं। वर्तमान राजनीतिक परिवेश में भाजपा में खुद को काफी असहज महसूस कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे साथ आज सैंकड़ों की संख्या में पंचायत प्रतिनिधि, नगर निकाय के प्रतिनिधि एवं महत्वपूर्ण सामाजिक एवं राजनैतिक नेता व कार्यकर्ताओं ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि कन्हौली से दो टर्म मुखिया रहे मनीष शुक्ला वर्तमान में महुआ से जिला परिषद के सदस्य हैं। कहा जाता है कि मनीष शुक्ला विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर के भी काफी नजदीकी है। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि उनकी अगली सियासी पारी कहां होगी ?
गौरतलब है कि मनीष शुक्ला पूर्व में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, स्वदेशी जागरण मंच, हिन्दू जागरण मंच, भाजयुमो के जिला महामंत्री, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष, महामंत्री एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न संगठनों के प्रमुख दायित्व पर रह चुके हैं। 1990 में आंदोलन में हाजीपुर मंडल कारा में एक माह, 1993 में हाजीपुर मंडल कारा में 17 दिन, जबकि मधुबनी छात्र गोली कांड में 15 दिन जेल रह चुके हैं। मनीष शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस के बाद जिले के सभी जगहों से आए अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।