PATNA (MR) : राज्यसभा के उपसभापति व वरीय पत्रकार हरिवंश ने कहा कि जेपी के नैतिक उत्तराधिकारी हैं नीतीश कुमार। उन्होंने ये बातें पटना के जगजीवन राम संसदीय शोध और अध्ययन संस्थान में ‘जेपी के विचारों की आज के दौर में प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इस मौके पर रामवृक्ष बेनीपुरी की संपादित संस्थान की ओर से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया।
उपसभापति ने हरिवंश ने कहा कि 1974 में हुए जेपी आंदोलन से तो कई विशिष्ट लोग निकले। वे सब भी देश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, लेकिन उनमें से कई वंशवाद और परिवारवाद के शिकार हो गए। जबकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद को वंशवाद और परिवारवाद से दूर रखा। उन्होंने कहा कि जेपी जातीय, आर्थिक, लैंगिक संतुलन के पुरोधा थे। वे इंसान को बदलने की राजनीति करते थे। उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। कभी किसी की आलोचना नहीं की। उन्होंने युवाओं को आगे लाया ताकि बेहतर इंसान बन सकें। बेहतर इंसान ही अच्छी सोसाइटी का निर्माण कर सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार में जातीय, आर्थिक, लैंगिक न्याय का संतुलन बनाया है।
उन्होंने कहा कि साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी देश के विशिष्ट लोगों में एक थे। रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा संपादित पुस्तक जयप्रकाश की विचारधारा के विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा कि कहीं। बेनीपुरी जी ने जेपी के साथ रहकर समाज को नयी दिशा देने का काम किया। बिहार विधान परिषद के उपसभापति प्रो. रामवचन राय ने कहा कि इस पुस्तक के पुनः प्रकाशन से एक खोयी हुई रोशनी वापस आयी है। बेनीपुरी जी जेपी को बीमार बताकर और जेल से भगाने में कामयाब हुए थे।
संस्थान के निदेशक डॉ. नरेंद्र पाठक ने कहा कि जेपी के अनुयायी ने अपने खून से बेनीपुरी जी को एक खत लिखकर इस पुस्तक की रचना करने का आग्रह किया था, ताकि जयप्रकाश जी की कृतियों को जनमानस जान सके। मंच संचालन लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे, रामवृक्ष बेनीपुरी जी के नाती राजीव महंत, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान, बैजनाथ यादव, डॉ. रेखा कुमारी, उप निदेशक उच्च शिक्षा विभाग दीपक कुमार सिंह, प्रो. वीरेंद्र झा, डॉ. मधुबाला, डॉ. विद्यार्थी विकास आदि भी मौजूद रहे।