MUNGER (MS MANOJ) : बिहार में अब नगर निकाय चुनाव की समां बंधने लगी है। जिला से लेकर प्रखंड तक में सरगर्मी बढ़ती जा रही है। इससे अछूता मुंगेर जिला भी नहीं है। पूर्व से अधिसूचित सूची के अनुसार, वर्तमान में मुंगेर नगर निगम है, जबकि जिले के जमालपुर और हवेली खड़गपुर नगर परिषद के रूप मे अधिसूचित है। वहीं इस जिले में तीन नगर पंचायत भी अधिसूचित की गयी हैं, जो क्रमशः तारापुर , संग्रामपुर और असरगंज हैं। ये तीनों नगर पंचायत नये अधिसूचित किए गए हैं। इन तीनों जगहों पर पहली बार नगर पंचायत का चुनाव होगा, इसलिए यहां के लोगों में संभावित चुनाव को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है।
दूसरी तरफ़, जिले में तीन नयी नगर पंचायतों के अलावा, मुंगेर नगर निगम और जमालपुर एवं हवेली खड़गपुर नगर परिषद का चुनाव भी होना है। मुंगेर और जमालपुर में तो चुनाव होना तय है, लेकिन खड़गपुर में अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। और यह असमंजस है परिसीमन को लेकर। पहले खड़गपुर भी नगर पंचायत ही था, लेकिन डेढ़ वर्ष पूर्व इसे नगर पंचायत से नगर परिषद बना दिया गया।
नगर परिषद की अधिसूचना जारी होते ही इसके परिसिमन को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया। नये परिसीमन में खड़गपुर प्रखंड के तीन पंचायत बैजलपुर, बरुई और रमनकाबाद पश्चिमी पंचायत के कुछ वार्डों को शामिल किया गया था। तीनों पंचायत के लोगों ने नगर परिषद के प्रस्तावित परिसीमन का जमकर विरोध किया। फलस्वरूप हवेली खड़गपुर का मामला विभाग के पास लंबित होने के साथ ही विचाराधीन भी है।
देर-सबेर चुनाव तो मामला साफ होगा ही, लेकिन इस बार का चुनाव वाकई दिलचस्प होने जा रहा है। नगर निगम में महापौर, नगर परिषद एवं नगर पंचायत में चेयरमैन का चुनाव भी आम मतदाता ही करेंगे। समूचे राज्य में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत का वर्तमान कार्यकाल पूरा हो चुका है। सभी जगहों के माननीय अब पूर्व हो चुके हैं। नगर के प्रशासक के जिम्मे अब तत्काल नगरों के विकास की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। चुनाव संबंधी अधिसूचना जल्दी ही जारी होने की उम्मीद की जा रही है।
बहरहाल, इस बार होने जा रहे नगर के चुनावों में लोगों की दिलचस्पी मेयर और चेयरमैन के पद को लेकर अधिक देखी जा रही है। मेयर और चेयरमैन के संभावित उम्मीदवार अपनी दावेदारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जता रहे हैं। शिव बारात की तरह ही मेयर और चेयरमैन के उम्मीदवार हेतु अंधरा, लंगड़ा, लुल्हा, काना, रंगदार, पत्रकार, ठेकेदार, दलाल, झोलटंगवा सब शामिल हैं। कुल मिलाकर एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ होती अभी से ही दिखनी शुरू हो गई है।