Mukhiya Views : द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, बिहार में दरक गया विपक्ष; आखिर कौन हैं वो 7 MLA, किसके हैं ?

 PATNA (SMR) : देश को 16 वां राष्ट्रपति मिल गया। इस बार फिर से देश को महिला राष्ट्रपति मिली हैं। द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास रचा। पहली बार कोई आदिवासी समाज देश की शीर्षस्थ कुर्सी पर काबिज हुआ है। उन्होंने UPA उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़ी मार्जिन से पराजित किया। पूरे देश में विपक्ष दरक गया। क्रॉस वोटिंग ने रिकॉर्ड कायम कर दिया। तीन राज्यों में तो विरोधी उम्मीदवार जीरो पर आउट हो गया। क्रॉस वोटिंग से बिहार में भी विपक्ष खुद को नहीं बचा सका। कहा जा रहा है कि बिहार में 7 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है। आखिर वे 7 विधायक कौन हैं? क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक किस पार्टी के हैं? इस पर गहन मंथन शुरू हो गया। 

दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव से इतर विपक्षी खेमे का सबसे बड़ा दल RJD मूर्ति पॉलिटिक्स में ही उलझ कर रह गया। द्रौपदी मुर्मू को मूर्ति बताने वाले बयान के बाद बिहार के सियासी गलियारे में तेजस्वी यादव की भद पिट गयी है। लोगों ने राबड़ी देवी की मूर्ति से तुलना कर दी है। इस पर अब RJD को बचाव करते नहीं बन रहा है। दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव के ठीक पहले शिवहर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने द्रौपदी मुर्मू को मूर्ति कह दिया था। तेजस्वी से जब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मीडिया ने सवाल किया, तो उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति भवन में हमें राष्ट्रपति बैठाना है, न कि कोई मूर्ति। द्रौपदी मुर्मू को आज तक हमने कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते नहीं देखा है।’ तेजस्वी यादव के इस बयान की बिहार के सियासी गलियारे में आजतक निंदा हो रही है। यूं कहिए कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बन जाने के बाद अब तो तेजस्वी की और अधिक निंदा हो रही है। 

लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बिहार में भी विपक्षी खेमे में यह सेंधमारी कैसे हो गयी? कैसे 7 वोट NDA उम्मीदवार की ओर खिसक गए। लोग कांग्रेस की ओर ही शंका से देख रहे हैं। कोई इस पर अधिकृत रूप से बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन मन ही मन हर दल अपने अंदर झांक रहा है। हालांकि राजद और वाम दल तो ठोक-बजाकर है कि उनके विधायक इधर-उधर वाला खेला नहीं कर सकते हैं। वैसे BJP ने चुटकी लेते हुए RJD पर बड़ा हमला भी कर दिया। क्रॉस वोटिंग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने आरजेडी पर जमकर हमले किए। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा- ‘राष्ट्रीय जनता दल के उन सभी 8 विधायकों को भी बहुत-बहुत आभार, जिन्होंने यशवंत सिन्हा जी के आह्वान पर अपनी अंतरात्मा के कहने पर महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को वोट किया।’ हालांकि, जिस अंदाज और जिस पर्पस के लिए उन्होंने ट्वीट किया, उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, संजय जायसवाल का यह बयान मीडिया में सुर्खियां जरूर बटोरीं, लेकिन सियासी गलियारे में इसका बहुत अधिक फायदा नहीं हुआ। 

लेकिन, रिजल्ट के दूसरे दिन JDU संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बयान से हलचल मचा दी है। दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा ने आज इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह गए। उनसे जब राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा- ‘कौन संपर्क में है, क्या संख्या है, ये सार्वजनिक करना ठीक नहीं है, कुछ मामलों में इंतजार करना ठीक रहेगा।’ उनसे जब यह पूछा गया कि विपक्ष के विधायक क्या एनडीए के संपर्क में हैं…? इस सवाल पर कुशवाहा ने कहा- ‘कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें सार्वजानिक कर देने से नुकसान होता है। ऐसे विषयों को सार्वजानिक करना बिलकुल मुनासिब नहीं है।’ उन्होंने उल्टे मीडिया से कह दिया कि कुछ चीजों का अर्थ तो आप भी लगा सकते हैं। 

पॉलिटिकल पंडित की मानें तो यह सियासी बखेड़ा राष्ट्रपति चुनाव से शुरू हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव में जहां पूरे देश में विपक्ष दरक गया। वहीं बिहार भी इससे इतर नहीं रहा। जबकि, बिहार से तो बिल्कुल ही उम्मीद नहीं थी कि यहां भी क्रॉस वोटिंग होगी। लेकिन ऐसा हो गया, जब राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट आया तो बिहार का सियासी गलियारा सन्न रह गया। पूरे देश में जहां 135 से अधिक विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, वहीं बिहार में भी 7 विधायक इस क्रॉस वोटिंग के खेल में शामिल रहे थे। ये विधायक एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाले। इसके बाद से ही क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की पहचान को लेकर गहन मंथन शुरू हो गया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर बिहार में भी विपक्षी खेमे में यह सेंधमारी कैसे हो गयी ? कैसे 7 वोट बीजेपी की ओर खिसक गए? लोग कांग्रेस की ओर शंका से देख रहे हैं। कोई इस पर अधिकृत रूप से बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन मन ही मन हर दल अपने अंदर झांक रहा है। हालांकि राजद और वाम दल तो ठोक-बजाकर कह रहे हैं, कि उनके विधायक क्रॉस वोटिंग नहीं कर सकते हैं। 

दरअसल, इन दिनों बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तों में आयी तल्खी को हर बड़े नेता महसूस कर रहे हैं। जिसे देखिए, वही कुछ न कुछ ऐसे मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रहा है, जो कि टेंशन छोड़कर कुछ नहीं देने वाला है। चाहे जनसंख्या नियंत्रण का मामला हो, अथवा नुपुर शर्मा प्रकरण हो या फिर पीएफआई वर्सेज आरएसएस का मामला हो अथवा अग्निपथ योजना की बात हो। हर मुद्दे पर माहौल गरमा जा रहा है। खासकर अग्निपथ योजना पर तो जेडीयू आज भी कड़े तेवर में है और पार्टी के वरीय नेता उपेंद्र कुशवाहा इसे लेकर गरमाए हुए हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कठघरे में खड़ा कर दिया था। अग्निवीर की बहाली में जाति-धर्म के मुद्दे को उछाला था। जवाब आने पर के बाद उन्होंने दोबारा पलटवार किया था। 

मामला जो भी हो, लेकिन बीजेपी और जेडीयू के बीच तल्ख रिश्तों पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट के साथ ही आरजेडी भी अपनी नजर बनाए हुए है। आरजेडी का कहना है कि बिहार में अभी जिस तरह के हालात हैं, उसको देखते हुए कुछ भी हो सकता है और पॉलिटिकल एक्सपर्ट भी मानते हैं कि कुछ भी हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *