PATNA / KHAGARIA (MR) : बिहार पंचायत चुनाव के नौवें चरण के परिणाम में एक बेटी ने दिवंगत पिता के अरमां को पूरा किया। खगड़िया की आकांक्षा ने दिवंगत पिता के अरमां को पूरा किया। पिता जगदीश चंद्र बसु की अपराधियों ने पिछले साल हत्या कर दी थी। 

22 साल की आकांक्षा बसु के पिता जगदीश चंद्र की पिछले साल हत्या हुई थी। उस समय वे मुखिया पद पर काबिज थे। चार बार के मुखिया रहे जगदीश चंद्र बसु घटना के समय भी लोगों से सामाजिक मुद्दों पर बात ही कर रहे थे। तब आकांक्षा दिल्ली में BPSC की तैयारी कर रही थी। पिता की मौत के बाद अपनी तैयारी छोड़कर वह चुनाव में कूद गयीं। वह मेघौना पंचायत से मुखिया पद के लिए चुनाव मैदान में उतर गयीं। 

बिहार पंचायत चुनाव के नौवें चरण का परिणाम एक दिसंबर को निकला। आकांक्षा ने खगड़िया जिले के मेघौना पंचायत से 2806 वोटों से जीत दर्ज की है। 4 बहन और एक भाई में आकांक्षा सबसे बड़ी हैं। वो सरकारी अफसर बनना चाहती थीं। पिता की मौत के बाद आकांक्षा ने ही पूरे परिवार को संभाला है। मुखिया बनने के लिए पंचायत चुनाव में उन्होंने जमकर पसीना बहाया। जनता को पिता के सपने को पूरा करने और पंचायत के विकास के बारे में बताया। जनता ने खुलकर साथ दिया। 

आकांक्षा बसु के अनुसार, ‘मुझे यह जीत मेरे पिता के अच्छे काम की वजह से ही मिली है। मैं अपने पिता के ही नक्शे कदम पर चलना चाहती हूं। मैं पंचायत चुनाव में लोगों की परेशानी को देख उतरी थी। अब लोगों ने जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरा करना मेरी सबसे पहली प्राथमिकता होगी।’ 

गौरतलब है कि बिहार पंचायत चुनाव के नौवें चरण में 35 जिलों के 53 प्रखंडों की 871 पंचायतों में मतदान हुआ था। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 61 परसेंट से अधिक वोटिंग हुई थी। इसके साथ ही मुंगेर के सभी प्रखंडों में चुनाव संपन्न हो गया। अंतिम चरण का चुनाव सदर प्रखंड में हुआ। इसमें 13 में से 12 पंचायतों के पुराने मुखिया हार गए।

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