PATNA (APP) : बिहार में गंगा नदी पर बन रहे अर्धनिर्मित पुल एक बार फिर गिर गया। इसने भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। खास बात कि यह पुल अभी पूरा भी नहीं हुआ है कि दोबारा गिर गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे तो यह कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार का पुल गिरा है। वहीं वरीय पत्रकार पुष्यमित्र ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इसे लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने आलेख में लिखा है कि यह पुल क्यों दोबारा ढह गया। यह आलेख उनके फेसबुक पोस्ट से अक्षरशः लिया गया है। इसमें लेखक के निजी विचार हैं। पढ़िए पूरा आलेख :
यह तस्वीर गंगा नदी पर सुल्तानगंज और अगुआनी घाट के बीच बन रहे 3.1 किमी लंबे पुल की है। यह अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है, मगर इस बीच दो बार ढह चुका है। पहली दफा यह 30 अप्रैल, 2022 की रात गिर गया था, जब थोड़ी-सी आंधी आई थी। आज तो कुछ भी नहीं हुआ था, मगर फिर भी भरभरा कर गिर गया।
कुल मिलाकर 1710 करोड़ की लागत में बन रहा यह पुल एक मजाक बनकर रह गया है। मगर सवाल यह है कि इस पुल के साथ ऐसा बार-बार क्यों हो रहा है? हालांकि अब इसकी जांच होगी। पिछली दफा जब यह पुल गिरा था तो मैं सुल्तानगंज गया था। उस वक्त निर्माता कंपनी के अधिकारी से जो मेरी बातचीत हुई उसके आधार पर कुछ कह सकता हूं।
यह दरअसल केबल स्टेड ब्रिज है। मोटे तारों के जरिए इस पुल के स्लैब को संतुलित किया जाता है। पुल निर्माण की यह तकनीक आधुनिक है। बिहार में आरा-छपरा के बीच भी इसी तकनीक पर पुल बना है। पुल बनाने वाली कंपनी एसपी सिंगला है। यह ऐसे पुल बनाती है।
दरअसल, इस पुल के निर्माण में संतुलन की बड़ी भूमिका होती है। दोनों तरफ के केबल में बराबर वजन डालकर फिर उसमें लोड डाला जाता है। इसमें जरा भी संतुलन गड़बड़ाया सबकुछ आसानी से ध्वस्त हो जाता है। पिछले साल यही हुआ था। बिना संतुलन के लोड बढ़ाया गया। इस वजह से यह क्रॉस विंड के जरा से झोंके को सह नहीं पाया।
इस साल भी संभवतः यही हुआ होगा। मुमकिन है कि इस पुल को बनाने वाले मजदूर और कर्मी अनुभवी नहीं हैं या फिर इनसे बार-बार कोई चूक हो रही है। यह पुल की एक और खासियत है, अगर यह बन जाती है। वह यह कि इसमें एक ऑब्जरवेटरी भी बनेगा जो पुल के बीचोबीच गंगा के पास होगा, जहां से डॉल्फिन को देखा जा सकता है, मगर सवाल यह है कि पहले पुल बन तो जाए।
बहरहाल, भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा नदी पर पुल गिरने को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे काफी गुस्से में हैं। उन्होंने नीतीश सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान में कहा कि पुल गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार धृतराष्ट्र की तरह आंख बंद न कर सभी पुल की सुरक्षा जांच कराएं। वहीं इसे लेकर अब सियासत भी शुरू हो गयी है।