PATNA (MR) : हाय रे किस्मत, इसे ही कहते हैं। विभागीय लेटलतीफी के चक्कर में शिक्षिका राज्यकर्मी नहीं बन सकी। नियुक्ति पत्र तो मिला, लेकिन किस्मत के फेर में ज्वाइन नहीं कर सकी। ज्वाइन करने के पहले ही सेवानिवृत हो गयी। यह पूरा और अनोखा मामला बिहार के जमुई जिले का है। खैरा प्रखंड स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय शोभाखन में महिला अनिता कुमारी संस्कृत विषय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने सक्षमता परीक्षा दी और उसमें उन्हें सफलता भी मिली, लेकिन जब तक उन्हें नियुक्ति पत्र मिला, तब तक काफी देर हो चुकी थी। उनके हाथ से मामला निकल चुका था। ऐसे में सक्षमता परीक्षा पास करने का अनिता कुमारी को कोई लाभ नहीं मिला।
दरअसल, अनिता कुमारी को 30 दिसंबर को शिक्षा विभाग की ओर से नियुक्ति पत्र मिला। उन्हें 1 से 7 जनवरी तक नए स्कूल में योगदान देना था, किंतु 31 दिसंबर को ही उनकी उम्र 60 वर्ष हो गयी। इस वजह से नियुक्ति पत्र मिलने के अगले ही दिन वह सेवानिवृत हो गयीं। स्कूल में ट्रांसफर की जगह विदाई समारोह मनाया गया। अनिता कुमारी के अनुसार, उन्होंने दिसंबर 2006 में पंचायत शिक्षिका के रूप में प्लस टू उच्च विद्यालय शोभाखन में योगदान दिया था। 6 मार्च 2014 को उन्होंने टीईटी भी पास किया था। इससे वह हाई स्कूल की शिक्षिका बन गयीं। 2024 में ही उन्हें सक्षमता वन की परीक्षा भी सफलता मिली। विशिष्ट शिक्षक के लिए उन्हें नियुक्ति पत्र मिला, तब तक वह रिटायर कर गयीं।
बकौल अनिता कुमारी, मैं शुरू से ही अपने कार्य के प्रति गंभीर रही। लगातार सरकारी स्कूल में सेवा देती रही हूं। सक्षमता परीक्षा भी अच्छे अंक से पास की थी। लेकिन, यह मेरा दुर्भाग्य है कि मैं राज्यकर्मी नहीं बन पायी। वहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक निर्भय कुमार ने मीडिया को बताया कि विभागीय नियमानुसार 60 साल की आयु पूरी होने के बाद हर शिक्षक को रिटायर तो होना ही पड़ता है और इसी नियमावली के तहत अनिता कुमारी का भी रिटायरमेंट हुआ। इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता है, अफसोस के अलावा।